मंगलवार, 12 जुलाई 2016

सिद्धिदात्री वंदना

कमलिनी शिवकशक्ति जगदम्बे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
अणिमा प्राप्ति ईशित्व हे गरिमा 
प्राकाम्य लघिमा वशित्व माँ गरिमा 
चतुर्भुजा जग चहुदिशि खम्बे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
सकल सृष्टिमे किछुओ अगम नहि
जे पकड़ल अपनेक चरण गहि 
सिंहवाहिनी सभ दुःखभंगे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
पंकज दाहिनी अधोहस्त वश 
चरणसटल सिर चुसथि कृपारस 
कृपा बिराजथि अंग अनंगे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
देविकृपा शिव अर्द्धनारीश्वर
विषय भोग शून्य मायक गहबर 
शान्ति अमियपद निधिक तरंगे
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !
यथासाध्य जप पूजन अर्चन 
हिय हेरथि माँ देखथि ने साधन 
वाकसिद्ध रमा उमा हे गंगे 
अष्टसिद्धि के' अहीं अबलम्बे !

शिव कुमार झा टिल्लू 
(Shiv Kumar Jha)

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