गुरुवार, 4 फ़रवरी 2016

चित्र - चित्रण सं आम आदमी पर पराभव

सिनेमा, नाटक , धारावाहिक , साहित्य ई सब समाज के आयना होई छई। जेहन प्रस्तुति होयत समाजक छवि तेहने बनत। जकर उदहारण भोजपुरी सिनेमा के कारण भोजपूरी संस्कृति अश्लिश मानल जाईत अईछ। जखन की भोजपुरी में भिखारी ठाकुर सन सिद्धस्त साहित्यकार के रचना सेहो अईछ जे विश्व विख्यात अईछ। 
    अश्लीलता के सहारे सफलता भेटब ई सोच गलत अईछ। तकर उदहारण वर्त्तमान में बॉलीवुड में प्रदर्शित फ़िल्म क्या कूल है हम ..... आ मस्तिजादे  सन सेक्स कॉमेडी फ़िल्म फ्लॉप रहल और एयरलिफ्ट सन प्रेरणादायक फ़िल्म सुपर हिट। तांईं अश्लीलता के अई कारण परोसब जे दर्शक के मांग छई ई गलत। एक और उदहारण जे अगर अश्लीलता सँ सिनेमा सफल होइत त आई सनी लियोनी टॉप सुपर स्टार हेरोइन रहैत।
ई हमर व्यक्तिगत विचार , 

पंकज झा -   मुंबई 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें