गुरुवार, 5 नवंबर 2015
रुबाई
कहियो तँ करेजासँ हमरा सटा क' देखियौ
हमर नैनासँ अपन नैना मिला क' देखियौ
बनि जेतै एकटा इतिहासे अमर प्रेमक
हमर प्रेमकेँ करेजामे ढुका क' देखियौ
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