सोमवार, 20 जुलाई 2015

झुठि अभिमान

कुर्ता ,धोती ,पाग माथ ध',
झुठहि पोसल अछि अभिमान,
द्वेश-क्लेश सब मोनहिं पोसल,
पाबि करब कि एहेन सम्मान ?

जे अपनहिं संग अन्याय क' रहला,
ओ कि करता अनका संग न्याय ?
बेर-बेर अपने अपराधी बनि क',
कहब उचित गप ककरा सँ जाय ?

हृदय हमर अछि साफ यौ भैया ,
मधुर बोल सुनि पिघलल जाय ,
डेग - डेग ई प्रपंच देखि क' ,
मोन करय मरितौं माहुर-बिख खाय ||

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