मंगलवार, 20 मई 2014

मिथिला राज्य निर्माण सेना के तत्वाधान में बुद्धिजीवी सम्मलेन

मिथिला राज्य निर्माण सेना के तत्वाधान में बुद्धिजीवी सम्मलेन


    मिथिला राज्य निर्माण सेना  -  बेर - बेर जेका फेर एकटा  डेग उठेलक  जकर नाम  छल   बुद्धिजीव सम्मलेन  
ओना अपन मिथिला  में  बुइधिक  खजाना के  अंत नै  छैक , ओहि  में  तकनय  बड़ मुश्किल  अच्छी  , तयो  मिथिला राज्य निर्माण सेना , अपन कर्तबय से पाछू  नै  हटल ,  डेल्ही एन सी आर में  जतेक बुद्धिजीवी  या पत्रकार सब  छथि  सव के   फोन या सम्बाद के  जरिय सूचित  केला बयक्ति सब क्यों ऑयल छाला , जाहि में  लेट - सेट  धरपरायल हमहुँ  बुद्धिजीवी लोकनिक  पाछू में  बैसलो ,  हुनक सभक  मुखारविंद  सं निकलल शब्द   के  अनुसररण  करैत  बहुत निक  लागल ,  कहाबत  कोनो  खराप  नै  छैक  , बुद्धिजीवी लोक  कहैत   कियाक छै , से  आई  देखबा   में  ऑयल   
   सब सं पहिने  गोसइनिक  गीत - जय जय भैरवी  सं  सुरवरत  करैत , सब कियो  अपण -अपन परिचय देला ,  परिचय - पात्र  के  बाद सब  कियो  अपन - अपन  राय - बिचार  मिथिलाक  हर  विषय  वास्तु  पर  नजर  घुमेला  ,  चाहे  शिक्षा  हो , बेरोजगारी , नव  युबक  शिक्ष    बैसायक  लेल  पलायन कियाक ,  किसान   से  लके   मजदूर  तक ,  रेल यता - यात से सरक परिवहन  तक  सब पर   बेर - बेर  हमारा  लोकनिक हरेक विसय वस्तु  पर धयान  आकर्षित करेला , जे    केला  सं  होईत  ऐना  भेल  सं    सब  होईत

एवं  प्रकारे  सब  द्रिष्टी सं  देखल  गेल पता  लागल  जे  मिथिलाक  विकास  के नाम  पर ( o  ) जीरो  अच्छी  ओहि  o  के  १००  कोना   करी


       मिथिला राज्य निर्माण सेना केर प्रयास सँ मिथिलाक बुद्धिजीवी लोकनि अपन अस्मिता लेल चिन्तन करय लगलाह, वास्तविकता तऽ यैह छैक जे हर डेग पर बुद्धिमान विद्वान् जँ कतहु रहैत छथि तऽ थीक मिथिला, मुदा  जनैतिकसचेतनाक घोर अकाल एतहि छैक, विडंबना नहि तऽ आर कि? हम सब देश विदेशक राजनैतिक परिदृश्य केर समीक्षा कय सकैत छी, मुदा अपन खसैत अस्मिता पहिचानविहीनता प्रति भारतीय संविधान मे सुधार नहि करा सकैत छी.... हमरा लोकनिक गट्स तखन कि मात्र आनक चाकरी लेल? लेकिन
नकारात्मकता सऽ आब डरेबाक आवश्यकता नहि छैक, मिरानिसे केर एहि महत्त्वपूर्ण प्रयासक सराहना प्रशंसा हेबाक चाही। नवतुरिया नीक काज कय रहल अछि। अहुँ सब सम्पर्क करैत स्वस्फूर्त इहि मुहिम मे 

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