शुक्रवार, 23 मई 2014

माधवेश्वरनाथ महादेव


          सौराठ सभागाछी स्थित ई विलक्षण मन्दिर नहियो किछु तऽ ५०० वर्ष प्राचिन होयत। मिथिलाक एक राजा 'माधवेश्वर सिंह' केर नाम पर राखल गेल एहि मन्दिरक नाम 'माधवेश्वरनाथ महादेव' अछि। दहेज मुक्त मिथिला व ऐतिहासिक सौराठ सभा विकास समिति केर संयुक्त तत्त्वावधान मे ८ जनवरी, २०१२ एक बैसारक मार्फत एहि प्राचिनतम मिथिला धरोहर केर जीर्णोद्धार लेल निर्णय लेल गेल छल। एहि कार्यक वास्ते मधुबनी जिलास्तरीय एक कार्यसमिति सेहो बनेबाक भार आदरणीय शेखर चन्द्र मिश्र व हुनक वकील मित्र (मधुबनी कचहरी वकील संघ केर सचिव - नाम विस्मृति भऽ रहल अछि) पर देल गेल छल। ओहि बैसार मे प्रवीण नारायण चौधरी (नेपाल ) आ करुणा झा (दहेज़ मुक्त मिथिला अध्यक्षा नेपाल ) जी सेहो भाग लेने रहैती । बैसारक पूर्ण विवरण आ निर्णय एहि सँ पूर्व सेहो देल गेल अछि जे आइयो दहेज मुक्त मिथिलाक पुरान पोस्ट मे मौजूद अछि। माननीय विधायक फय्याज भाइ (बिस्फी विधानसभा), मधुबनी ड्योढिक बाबु कुलधारी सिंह, रहिका सँ बाबा निलाम्बर मिश्र, सौराठ सँ प्रो. सर्वेश्वर मिश्र सहित अनेको गणमान्य बुद्धिजीवी, ज्येष्ठ नागरिक, समाजसेवी आदि केर बीच भेल समस्त निर्णय छल जे हम सब स्वयंसेवा सँ एहि मन्दिरक जीर्णोद्धार करब। ताहि समय श्री निलाम्बर मिश्र तात्कालीन विधान परिषद् सभापति  -
ताराकान्त बाबु केर स्थानीय प्रतिनिधिक रूप मे तारा बाबु संग लगे हाथ बात करैत ओहि मिटींग सँ दुइ महत्त्वपूर्ण निर्णय करौने छलाह। एक, सौराठ मे 'मिथिला चित्रकला शिक्षण संस्थान' खुलेबाक आर माधवेश्वरनाथ महादेव मन्दिर केर जीर्णोद्धार लेल कला-तथा-संस्कृति मंत्रालय, बिहार सँ कार्य करेबाक पुष्टि, दुनू कार्य लेल बिहार सरकारक टोली सेहो आबि आवश्यक छानबीन करैत वचन दय चलि गेल। संस्थान आ मन्दिर दुनू कार्य हाल धरि बिहार सरकार पूरा नहि कय सकल अछि। आ एहि चक्कर मे हमरा लोकनि स्वयंसेवा सँ सेहो किछु नहि कय सकलहुँ अछि। आब ७ जुन सौराठ सभागाछी मे दहेज मुक्त मिथिलाक स्मारिका विमोचन कार्यक्रम मे पुन: एहि समस्त विषय पर वार्ता करैत आगामी योजना बनायब।

मंगलवार, 20 मई 2014

मिथिला राज्य निर्माण सेना के तत्वाधान में बुद्धिजीवी सम्मलेन

मिथिला राज्य निर्माण सेना के तत्वाधान में बुद्धिजीवी सम्मलेन


    मिथिला राज्य निर्माण सेना  -  बेर - बेर जेका फेर एकटा  डेग उठेलक  जकर नाम  छल   बुद्धिजीव सम्मलेन  
ओना अपन मिथिला  में  बुइधिक  खजाना के  अंत नै  छैक , ओहि  में  तकनय  बड़ मुश्किल  अच्छी  , तयो  मिथिला राज्य निर्माण सेना , अपन कर्तबय से पाछू  नै  हटल ,  डेल्ही एन सी आर में  जतेक बुद्धिजीवी  या पत्रकार सब  छथि  सव के   फोन या सम्बाद के  जरिय सूचित  केला बयक्ति सब क्यों ऑयल छाला , जाहि में  लेट - सेट  धरपरायल हमहुँ  बुद्धिजीवी लोकनिक  पाछू में  बैसलो ,  हुनक सभक  मुखारविंद  सं निकलल शब्द   के  अनुसररण  करैत  बहुत निक  लागल ,  कहाबत  कोनो  खराप  नै  छैक  , बुद्धिजीवी लोक  कहैत   कियाक छै , से  आई  देखबा   में  ऑयल   
   सब सं पहिने  गोसइनिक  गीत - जय जय भैरवी  सं  सुरवरत  करैत , सब कियो  अपण -अपन परिचय देला ,  परिचय - पात्र  के  बाद सब  कियो  अपन - अपन  राय - बिचार  मिथिलाक  हर  विषय  वास्तु  पर  नजर  घुमेला  ,  चाहे  शिक्षा  हो , बेरोजगारी , नव  युबक  शिक्ष    बैसायक  लेल  पलायन कियाक ,  किसान   से  लके   मजदूर  तक ,  रेल यता - यात से सरक परिवहन  तक  सब पर   बेर - बेर  हमारा  लोकनिक हरेक विसय वस्तु  पर धयान  आकर्षित करेला , जे    केला  सं  होईत  ऐना  भेल  सं    सब  होईत

एवं  प्रकारे  सब  द्रिष्टी सं  देखल  गेल पता  लागल  जे  मिथिलाक  विकास  के नाम  पर ( o  ) जीरो  अच्छी  ओहि  o  के  १००  कोना   करी


       मिथिला राज्य निर्माण सेना केर प्रयास सँ मिथिलाक बुद्धिजीवी लोकनि अपन अस्मिता लेल चिन्तन करय लगलाह, वास्तविकता तऽ यैह छैक जे हर डेग पर बुद्धिमान विद्वान् जँ कतहु रहैत छथि तऽ थीक मिथिला, मुदा  जनैतिकसचेतनाक घोर अकाल एतहि छैक, विडंबना नहि तऽ आर कि? हम सब देश विदेशक राजनैतिक परिदृश्य केर समीक्षा कय सकैत छी, मुदा अपन खसैत अस्मिता पहिचानविहीनता प्रति भारतीय संविधान मे सुधार नहि करा सकैत छी.... हमरा लोकनिक गट्स तखन कि मात्र आनक चाकरी लेल? लेकिन
नकारात्मकता सऽ आब डरेबाक आवश्यकता नहि छैक, मिरानिसे केर एहि महत्त्वपूर्ण प्रयासक सराहना प्रशंसा हेबाक चाही। नवतुरिया नीक काज कय रहल अछि। अहुँ सब सम्पर्क करैत स्वस्फूर्त इहि मुहिम मे 

मिथिला राज्य निर्माण सेना के तत्वाधान में बुद्धिजीवी सम्मलेन

मिथिला राज्य निर्माण सेना के तत्वाधान में बुद्धिजीवी सम्मलेन

 मिथिला राज्य निर्माण सेना  -  बेर - बेर जेका फेर एकटा  डेग उठेलक  जकर नाम  छल   बुद्धिजीव सम्मलेन  
       ओना अपन मिथिला  में  बुइधिक  खजाना के  अंत नै  छैक , ओहि  में  तकनय  बड़ मुश्किल  अच्छी  , तयो  मिथिला राज्य निर्माण सेना , अपन कर्तबय से पाछू  नै  हटल ,  डेल्ही एन सी आर में  जतेक बुद्धिजीवी  या पत्रकार सब  छथि  सव के   फोन या सम्बाद के  जरिय सूचित  केला बयक्ति सब क्यों ऑयल छाला , जाहि में  लेट - सेट  धरपरायल हमहुँ  बुद्धिजीवी लोकनिक  पाछू में  बैसलो ,  हुनक सभक  मुखारविंद  सं निकलल शब्द   के  अनुसररण  करैत  बहुत निक  लागल ,  कहाबत  कोनो  खराप  नै  छैक  , बुद्धिजीवी लोक  कहैत   कियाक छै , से  आई  देखबा   में  ऑयल   
   सब सं पहिने  गोसइनिक  गीत - जय जय भैरवी  सं  सुरवरत  करैत , सब कियो  अपण -अपन परिचय देला ,  परिचय - पात्र  के  बाद सब  कियो  अपन - अपन  राय - बिचार  मिथिलाक  हर  विषय  वास्तु  पर  नजर  घुमेला  ,  चाहे  शिक्षा  हो , बेरोजगारी , नव  युबक  शिक्ष    बैसायक  लेल  पलायन कियाक ,  किसान   से  लके   मजदूर  तक ,  रेल यता - यात से सरक परिवहन  तक  सब पर   बेर - बेर  हमारा  लोकनिक हरेक विसय वस्तु  पर धयान  आकर्षित करेला , जे    केला  सं  होईत  ऐना  भेल  सं    सब  होईत
एवं  प्रकारे  सब  द्रिष्टी सं  देखल  गेल पता  लागल  जे  मिथिलाक  विकास  के नाम  पर ( o  ) जीरो  अच्छी  ओहि  o  के  १००  कोना   करी

       मिथिला राज्य निर्माण सेना केर प्रयास सँ मिथिलाक बुद्धिजीवी लोकनि अपन अस्मिता लेल चिन्तन करय लगलाह, वास्तविकता तऽ यैह छैक जे हर डेग पर बुद्धिमान विद्वान् जँ कतहु रहैत छथि तऽ थीक मिथिला, मुदा  जनैतिकसचेतनाक घोर अकाल एतहि छैक, विडंबना नहि तऽ आर कि? हम सब देश विदेशक राजनैतिक परिदृश्य केर समीक्षा कय सकैत छी, मुदा अपन खसैत अस्मिता पहिचानविहीनता प्रति भारतीय संविधान मे सुधार नहि करा सकैत छी.... हमरा लोकनिक गट्स तखन कि मात्र आनक चाकरी लेल? लेकिन
नकारात्मकता सऽ आब डरेबाक आवश्यकता नहि छैक, मिरानिसे केर एहि महत्त्वपूर्ण प्रयासक सराहना प्रशंसा हेबाक चाही। नवतुरिया नीक काज कय रहल अछि। अहुँ सब सम्पर्क करैत स्वस्फूर्त इहि मुहिम मे