शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

दिल्ली में सौराठ सभा लगेबाक विचार चली रहल अछि - मिथिला वासी के केहन विचार ?

सौराठ सभा दिल्लीमे चाही, 


दिल्ली मे सौराठ सभा होबाक चाही 

दहेज पेर अंकुश लगबाक चाही 
शिक्षित आ अशिक्षित सब दूलहाके
आइ एहेन बात बजबाक चाही
धिक्कार अछि ओहि माता-पिता पर जे दहेज मँगैअ
पुत्र पुत्री दुनु के जन्म द् एकरा खरिद-बिक्री मे लगैअ
प्रेम के बदला मे पाए मँगैअ 
सौराठ सन ऐतिहासिक सभा सँ 
बहुत किछु सिखबाक चाही 
हमर बाबा दादा मूर्ख रहितो 
विद्वताक परिचय देलक 
मुदा आइ पढलहवा सब 
नाम बुरौलक, धर्म डुबौलक, 
दहेज के रुपे सोन चाही, चानी चाही, रुपैया चाही,
सारा सुखक समान चाही 
वाह रे दहेज! केकरो नहि बेटी चाही
केकरो नहि पुतोहु चाही
केकरो नहि बहिन चाही
वाह रे दहेज सब के रुपैए टा चाही 
तहिला हमरा दिल्ली मे मात्र नहि 
हरेक गाउँ मे सौराठ सभा चाही 
तहिला हमरा दिल्ली मे मात्र नहि 
हरेक गाउँ मे सौराठ सभा चाही\



"सौराठ सभा चाही" रचनाकार : अजित झा, 




https://www.facebook.com/sanjay.jha.3998/posts/580809928648447?comment_id=5404394&offset=0&total_comments=39&notif_t=mentions_comment

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें