गुरुवार, 28 मार्च 2013

मिथिला राज्यक माँग पर कैल गेल


मिथिला लेल आगाँ कि?


एखन धरि मिथिला राज्यके माँग प्रति बहुत रास महत्त्वपूर्ण कार्य कैल गेल अछि जाहिमें मिथिलाक नक्शा प्रमाण सहित भारत सरकारके देल गेल अछि, १९४७-१९५६ भारतीय साँसदमें मिथिला राज्यक माँग पर कैल गेल बहस आ राज्य गठन आयोगके सिफारिश आदि सरकार के पास अपनहि दस्तावेजमें अछि जेकर पूरा सान्दर्भिक अध्ययन जरुर कैल गेल होयत से आशा राखी, तहिना मैथिलीक अधिकारसम्पन्नता संविधानक अष्टम् अनुसूचीमें दर्ज करैत पहिले कय देल गेल अछि, पुरातत्त्व अन्वेषण/खोज सभसँ नित्य नव आ मिथिला समर्थक बहुते रास बात सभ जे आबि रहल अछि तेकरो पूरा लेखा-जोखा रखैत मिथिला राज्यक माँग पूर्णता पौने अछि.... जरुरत यैह जे २०१४ के लोकसभा चुनावमें ई मुद्दा बनय आ ताहि लेल एक संपूर्ण मिथिलाके प्रतिनिधित्व करयवाला कार्यदल व संगठन निर्माण हो। समय बहुत कम अछि आ काज बहुत बेसी। वर्तमान जतेक संगठन मिथिला राज्य लेल काज करनिहार छी से सर्वदलीय सामूहिक बैठक करी आ संयुक्त कार्यदल गठन करी। 

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जेना हालहि एक महत्त्वपूर्ण कार्य मिथिला लेल सम्पन्न भेल - जे युवा शक्ति मानू कि आन्दोलनमें सक्रियतापूर्वक नहि जुडल छल सेहो सभ स्वयं चारि-चारि दिनक अनशन करैत क्रान्ति करबाक लेल आ बलिदान देबाक लेल तैयार अछि। युवा सभक सेहो संगठन अखण्ड मिथिला क्षेत्रक हो आ राजनीतिक मंच व युवा मंचके बीच नीक तालमेल हो तेकर व्यवस्था करब जरुरी। ताहि लेल आवश्यक आदर्श कार्यकर्ता विधान निर्माण राजनीतिक मंच द्वारा करैत युवा मंच केँ सेहो विश्वासमें लेब जरुरी अछि आ ताहि अनुरूपे मिथिलाक सेवक जोडब सेहो जरुरी अछि। सच देखल जाय तऽ माँग कायम जरुर अछि लेकिन संगठनात्मक स्तरपर काज आइ धरि नहि भेल अछि। दाबी कतबो पैघ हो मुदा काज शून्य अछि तेकर प्रमाण तथाकथित खोंखीबाज संघ-संस्थाक कोनो बैठकमें सहभागिताक अत्यंत कमजोर स्थितिमें प्रत्यक्ष देखल जा सकैत छैक। आबो यदि केवल खखसला सऽ काज चलय तऽ लागल रहू, लेकिन ईमानदार प्रयास लेल संगठनात्मक ढाँचाके मजबूत बनायब बहुत जरुरी छैक।

एहनो नहि छैक जे साफ निकम्मा संस्था सभ लागल छैक, लेकिन कमजोर आ कूपोषित बच्चा कतबो जोर सऽ चिकरतैक ओकर आवाज बहुत दूर तक नहि जेतैक। तदापि ईमानदारी सँ आपसी तालमेल बनायल जाय तऽ शीघ्र प्रभाव देखय में आबि सकैत छैक। हमर छोट अनुभव कहैत अछि जे आम जनमानस के मिथिला राज्य के परिकल्पना पता नहि छैक, राज्य होइत कि छैक सेहो पता नहि छैक... आम सऽ ऊपर पढल-लिखल युवा पर्यन्त बेसी मात्रामें गणतंत्र, राज्य, स्वराज, आदि सऽ नहि पूर्णत: तऽ अंशत: अनभिज्ञ छैक। तखन जागृति पसारबाक दृष्टिकोण सँ वर्तमान कार्यरत हरेक मजबूत संस्था अपन कर्तब्य एतबी बुझय जे जगह-जगह जनसभाके आयोजन हो आ कम से कम खर्चमें बेसी सऽ बेसी लोक एहि बात के आत्मसात करय कि अपन राज्य कि होइत छैक, आबो मिथिला राज्य नहि बनत तऽ मैथिली भाषा समान संस्कृति सेहो आखिर साँस कोनो क्षण लऽ लेत, विकास आ आर्थकि अवस्थामें सुधार जे पलायन रोकत आ आगामी पीढीकेँ मिथिला प्रति सम्मान उत्पन्न करत... ई समस्त बात के जानकारी दैत २०१४ के चुनाव में मात्र ओहि राजनीतिक दल वा नेताके समर्थन करबाक आग्रह कैल जाय जे मिथिलाक हरेक सरोकार पर ध्यान देत आ मिथिलाके सरकार निर्माण करत, आन के प्रवेश निषेध आज्ञा हरेक गाममें लगा देल जाय।

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