गजल
सब दान सं पैघ दुनिया में कन्यादान छैधन टाका सं पैघ दुनिया में स्वाभिमान छै
निर्लज मनुख की जाने मान-स्वाभिमान
दहेज़ मांगब याचक केर पहिचान छै
मांगी दहेज़ टाका रुपैया देखबैय शान
बेचदैय बेट्टा के लोक केहन नादान छै
जैइर मरैय बेट्टी दहेजक आईग में
विआहक नाम सुनीते बेट्टी परेशान छै
सपथ लिय बंधू दहेज़ नै लेब नै देब
आदर्श विआह जे करता ओहे महान छै
आब नै बेट्टी मरत नै पुत्रबधू जरत
दहेज़ मुक्त मिथिलाक एही अभियान छै
---------वर्ण-१६-----------
रचनाकार-प्रभात राय भट्ट
वाह...सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
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