गुरुवार, 26 जनवरी 2012

BETI.....KAVITA

" बेटी "
बेटी के जुनि बुझू अभिषाप
बेटीए छैथ सृष्टिक आधार |
अपन मिथ्या प्रदर्शनक कारण
नै छिनियो ओकरा सँ ओकर
जीवक जन्म- सिद्ध अधिकार |
हटा फेंकू मिथ्या अहँग
बेटी नै छैथ बौक-बहीर-अपँग
बढ़अ दिऔ ओकरा आगाँ
हर एक डेंग पर दिऔ संग |
सीता के अछि बहिन ओ
बनूँ पिता जनक समान
बना ओकरा घरक गुड़िया
नै करियो
ओकर इच्छा -आकाँक्षा के बलिदान ....||||

:गणेश कुमार झा "बावरा"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें