Navin ठाकुर
काका मारल गेला पाहिले कन्यादान में
सौराठ्क मैदान में ना………!! २
एला पहिल बरद ओ बेच
तैयो कम परलैन दहेज़ ! २
बेच परलैन …बेच परलैन, खेतो अप्पन सम्मान में
पाहिले कन्यादान में ना !
काका …………………….
दोसर बेटी केलइन विवाह
सुनीते मांग ओ भेला बताह !२
अबिते ..अबिते मूर्छित भ खसला नवका दालान में
दोसर कन्या दान में ना
काका ……………………
कहा मैथिल बेटी के बाप
किया अछि बेटी अभिशाप ! २
सब दिन …सब दिन जिबैछी घुट -घुट क अपमान में
बेटी कन्यादान में ना
काका ………………….
उठू मैथिल बेटी के बाप
बैस्ल्हून किया ऐना उदास ! २
एल्हूँ ….एल्हूँ हम नवतुरिया एही विरोध अभियान में
बिन दहेज़ सम्मान में ना
काका ब्याहु धिया आब
मोछ पकैर क शान में
सौराठक मैदान में ना ……………काका ब्याहु धिया …..!! ४
(नविन ठाकुर )
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