एक नजर देल जाओ कुम्भ स्थली " सिमरिया " पर जतय करोरो श्रद्धालु अपन जीवन के सुखमय , और गौरव आनंदित करैत , अपन जिनगी के शर्थक और भक्ति लिन करैत , हर्षो उलाश सँ अपन पवन- पावन धरती मिथिला के गुण-गान करैत एक दोसर के , उदेश कोना देत अछि ,------
बंसी के गुरतुर (मीठी)धुन ले सुरु(प्रारम्भ) ,बतइया (उद्घोषक) के गुरतुर सुर-लहरी ह गंगा के पावनता धरे सिमरिया के बरनन अइसन करिस हे के हिरदे जुरा गे.
bahut manmohak...
बंसी के गुरतुर (मीठी)धुन ले सुरु(प्रारम्भ) ,बतइया (उद्घोषक) के गुरतुर सुर-लहरी ह गंगा के पावनता धरे सिमरिया के बरनन अइसन करिस हे के हिरदे जुरा गे.
जवाब देंहटाएंbahut manmohak...
जवाब देंहटाएं