शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

मिथिलाक़ दुख:




मिथिलाक़ बारे मे लोक सब सदिखन खुब सुनैत छथी और सुनाबैत छथी और जनीतो छथी .मुदा ओकर असली अनुभूति ओहीठाम गेला पर होयत छैक .एकटा समय छल जे मिथिलाक़ माटी मे अनजक भंडार छल.मुदा आब की हालत अछि ओ बतेबाक कोनो प्रयोजन नही , जे निरंतर ए...ही मे गिरावट आबी रहाल अछि .
हर जगह ग़रीबी, भुखमरी , और दरिद्रताक सागर बनी गेल अछि .मिथिलांचल्क धीया-पुता, सब अपन रोज़ी-रोटिक खोज मे देशक कोना कोना मे जा रहाल छथी ,जताई देखु , जताई खोजू मिथिला भाषा- भाषी लोकक
भरमार अच्छी, मुदा एकजुटता नही अछि . पहीने जेखन मिथिला भाषा- भाषी लोक सब झुंडक - झुंड
अपना गली मुहल्ला सा निकली कार्य- रोज़गार पर जायत छैलाह त हुनकर सभक अपन भाषा मे गॅप सुनी
अपार हर्षक अनुभूति होयत छल , मिथिला स एतेको दूर दूर एलाक उपरांतो अपन मातृभाषा स प्रेम करैयत छेलाह . मुदा एहीमे आब निरंतर अभाब भै रहल अछि , नही जानी ई कियाक भ रहल अछि ,तेकर की कारण ?
जेखन की दुनियाक सब स मधुर भाषा मैथिली अछि , दोसर स्थान पर बांग्ला अच्छी .आब जेखन की मैथिली भाषा के अष्टम सूची मे स्थान भेट गेल. .एही मे कतेको मिथिला पुत्र और मैथिल प्रेमी कई अपार योगदान रहल अछि . हुनका सब कई सादिखन मिथिला भाषा भाषी लोक सब आदरक संग याद करताःह .
हम सहो हुनका सब कई अपन माता टेकि नमन करैयत छी,
आई करीबन 5 करोर मैथिली भाषा भाषी छथी .तेख़नो एकर स्थिति दयनीए अछि .
मिथिलाक़ सब स् पैघ समस्या अछि बाढ़, प्राकृतिक आपदा, और एही पर स दहेजक दानबक
एही दारून दृश्य कई त. कतेको निक निक चैनेल पर देखाओल जायत अछि . और सब केओ देखैत छैथ , और इ देखी सभक आत्मा कई झकझोरी दैयत अछी ,परंतु ओकर समाधान, निराकरण दिशि किनको ध्यान नही जायत अछि.जेखन की जगत जननी माय मिथिला अपन कोख स अनेको कर्मठ सुयोग्य पढल लिखल होनहार पुत्र कई जन्म देलिह जे अपन देशे नही बिदेशो मे नाम रौशन केलाह और क रहल छथी .तकर उपरांतो माय मिथिला अपन दुख देखी कानी रहाल छैथ कतेको संस्था संगठनक निर्माण भेल. कतेको चली रहल अछि , कतेको दम तोरी चुकल अछि , कतेको दम तोरै बाला अछि , कारण किनको समुचित समर्थन त किनको धनक ब्यबस्था नही छल .
cont......................

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें