बुधवार, 27 जुलाई 2011

फेसबुकिया चौक

बनि रहल छै मिथिलाक विकासक प्रोजेक्ट

जुरि रहल छै गाम-शहर आ देश विदेश

फेसबुकिया चौक पर भय रहल सब तय

बुझियौ मिथिला विकसित भय गेल्।



फेसबुकिया चौक पार हमहू रही गेल,

गप्पी महन्थ सब स भेंट भेल,

कतेको आचार्य, कतेको प्राचार्य,

कतेको शंकराचार्य स परिचय भेल

गौरब संग चित्त प्रफुल्लित भेल्,

बुझियौ मिथिला विकसित भय गेल्।



फेसबुकिया चौक पर, किछु कर्ता,

बहुते वक्ता आ अनेको उचित वक्ता,

किछु अघोरी कहैथि, मानू, नहि त थुकी देब,

किछु के बीच राँरी-बेटखौकी,

किछु के बीच हथा-पही, सिना-जोरी,

एहि चौक पर कतेको खो्चाहल बाँस गारि देल,

बुझियौ मिथिला विकसित भय गेल्।

बुझियौ मिथिला विकसित भय गेल्।----2




कृपानन्द झा, सर

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