बुधवार, 27 अप्रैल 2011


हाबड़ा पुल तोरा देखैबो @प्रभात राय भट्ट


पेन्ह्नेछे मेक्सी हाथ में पेप्सी,
तू लागैछे बड़ा सेक्सी गे,२ 
हाँ हाँ सेक्सी गे बड़ा सेक्सी गे २
आइग जिका धध्कई छे तू ,
बिजुली जिका चमकै छे तू ,
हवा में उड़इ छो तोहर दुपटा,
चल न चल गोरी कलकाता २
हाबड़ा पुल तोरा देखैबो,     
कलकाता के शयर करैबो,
रस से भरल रस्गुला खिलेबो,
ठनका जिका ठंकई छे तू ,
बदरा जिका बरषई छे तू ,
पारी जिका रम्कई छे तू ,
बात बात में पढाई छे गाईर,
राख तू राख अपन जोवन सम्हईर,२
रूप तोहर देखि भेलै बबाल,
तोहर दीवाना समूचा नेपाल,
अजबे गजबे छौ चाल ढाल,
कमर में खोसने छे तू रुमाल,
जर जुवान के बाते छोर,
बुढ्बो भेल तोरा लेल बेहाल,
कोई कहै छौ आई लव यु,
कोई कहै छौ हेलो सेक्सी हाउ आर यु,
रचनाकार:प्रभात राय भट्ट 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें