शुक्रवार, 11 मार्च 2011

मेरे सपनो का बिहार.......!

हाल के कुछ बर्षो में हुए सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन के बाद हर बिहारी एक नए विकसित बिहार का सपना बुनने लगा है.  मेरा भी सपना है एक नए बिहार के सृजन का, जहाँ  साक्षरता दर शत-प्रतिशत हो. जहाँ समाज का स्वरुप ऐसा हो कि सभी वर्गों के लोगो को सामान अधिकार मिले. जहाँ समाज के लोग जाति, वर्ण, रंग, भेद की संकीर्ण भावना से ऊपर उठकर आपस में भाई-चारे और सामंजस्य की भावना रखे. जहाँ माता- पिता अपने बेटा और बेटी में फर्क ना समझे  तथा  उन्हें सामान रूप से शिक्षा ग्रहण करने का अवसर दे. जहाँ राज्य के हरेक गाँव में बुनियादी सुविधाओं जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, विजली, पानी, सड़क, यातायात आदि का विकास हो. जहाँ राज्य में कानून व्यवस्था इतनी चुस्त-दरुस्त हो ताकि अपराधियों के अपराध  का फ़न हमेशा दबा रहे और लोग भयमुक्त होकर सडको पर घूम सके. राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गो का विस्तार हो ताकि परिवहन व्यवस्था सुलभ हो सके. जहाँ राज्य में लघु एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन मिले ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को रोज़गार मिल सके,  साथ ही साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों का ज्यादा से ज्यादा निवेश हो ताकि विकास की गति को पंख लग सके. हमें राज्य के सभी ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को अक्षुण रखना होगा और इसे विकसित करना होगा ताकि पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिल सके. जहाँ राज्य के सभी जिलो में व्यावसायिक संस्थान खुले, आईटी पार्क का निर्माण हो और शौपिंग मॉल खुले. 
                                                                               इनके अलावा भ्रष्टाचार को रोकने का रोकथाम करना होगा और इसके लिए जरुरत इस बात की है की राज्य का हरेक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे तथा अपने-अपने कर्त्तव्य का निर्वाह करते हुए दुनिया के सामने बिहार का  नया  दमकता चेहरा पेश करे और खुद को 'बिहारी' कहने और कहलवाने पर गौरान्वित महसूस करे.

मै अपने सपनो को कुछ पंक्तियों के द्वारा प्रस्तुत करना चाहूँगा.........!!



प्रजातंत्र की जननी, जग को दिया अहिंसा का सन्देश,
ज्ञान का दीप जलाने वाला, विश्व का गुरु था यह प्रदेश.
बुद्ध  और महावीर ने जग को दिया अहिंसा का सन्देश, 
जग जननी जानकी माता की, जन्मभूमि है अपना यह प्रदेश.

साक्षी रहा अपना विहार, पालवंश और लिच्छवी की शान का,
साहित्य बना दर्पण, दिनकर विद्यापति के गान का.
मंगल पाण्डेय, वीर कुवर सिंह के अनुपम बलिदान का,
जीरादेई उदगम स्थल प्रथम नागरिक के सम्मान का.

पुण्य भूमि है यह, यहाँ राम ने किया अहिल्या का उद्धार,
बापू ने था ख़त्म किया चंपारण में अंग्रेजो का अत्याचार.
 जातिवाद, नक्सलवाद और घोटालो की है हमें दरकार,
हर क्षेत्र में बिहार आगे बढ़े, नेता  भी हो अगर ईमानदार.

शोषण मुक्त रहे सब जनता, मिटे भय, भूख और भ्रष्टाचार,
कहे गर्व से 'बिहारी' है हम, मेरे सपनो का यही बिहार.



पाठको से आग्रह है कि कृपया अपनी प्रतिक्रिया जरुर लिखे.
आप सभी लोगो को यह जान कर ख़ुशी होगी कि मेरे इस पोस्ट का कुछ भाग
 'हिंदुस्तान' अख़बार में दिनांक 09 मार्च 2011  को 'सौ साल के संकल्प' पृष्ठ पर प्रकाशित हुआ था(patna edition).


 मेरे और पोस्ट पढने के लिए आप मेरे ब्लॉग पर जा सकते है. उस पेज का लिंक मै आप लोगो को नीचे दे रहा हु जिसे आप खुद देख सकते है.


                       Chandan Jha Blog

2 टिप्‍पणियां:

  1. बिहार का नया दमकता चेहरा पेश करे और खुद को 'बिहारी' कहने और कहलवाने पर गौरान्वित महसूस करे.

    शोषण मुक्त रहे सब जनता,
    मिटे भय,भूख और भ्रष्टाचार,
    कहे गर्व से 'बिहारी' है हम,
    मेरे सपनो का यही बिहार.
    bahut nik chandan ji ,bahut nik soch apnek kas ahina sab bihari bhai ke hoin eha asha karb

    jay mithil , jay bihar

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  2. मदन जी अहाक एते सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए अहा के कौटि कौटि धन्यबाद...!

    जय मिथिला, जय बिहार....!

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