गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

गलती


 ग़लती भेल छल आय हमरा से
जकर  कुनो जबाब नही आय,
जकर दुःख -दर्द हम बुझैत छी  
लोक लाज से भीने मरैय छी
दूर देश के आय पराई त छी
क्याकी .............
ग़लती भेल छल आय हमरा से ......

छोटका न्नाह बचा संन छेलो
गुली- डांटा मे समय बीतेलो
बाबू- काका डातैत  रहीगेल
मूर्खख संग मूर्खे भोगेल ,
मान मे अयल से हम केलो
अपन उमर के मोज उरेलो
क्याकी ..........
ग़लती भेल छल आय हमरा से ......

पढ़ाई लेल जे कियो किछ बाजे
अपने ही सर पर थापर मारी
मूर्खे अच्छी ई सबटा दुनिया
सोचि -सोच्ची हम नही हिया हरी
बाबा -दादा के संपति नही कम
उही देख के उमर बितैत अच्छी
क्याकी ..........
ग़लती भेल आय हमरा से ......

टी वी भिसियार देखते देखते
गम घर मे घूमते घूमते
नेता सब के भाषण सुन-सुन
ग्न्नू झा के कहानि सुनी -सुनी 
अपन  कपार हम अपने पिटैय  छी  
क्याकी .........
ग़लती भेल छल  आय हमरा से ........

माय -बाबू के बात नही मानलो
सर समाजाक मान नही रखलो
चॉक -चोरहा मे हसी उरबी
बारका भैया की सब केलायत
छोट्कि भोजी नहियर ग़मेलायत
ई बात सब हम सोचिते राहलो
अपन कपार मे आगी लगेलो
क्याकी............
ग़लती भेल छल  आय हमरा से ........

पढ़ल लिखल छैथ लूटन बाबू
की अपन ओ नाम बानेलैथ
ओही से निक अक्वाली भैया
महीस चरबैत कोठा बनबेलैथ
फुलबा के अच्छी फुशिक खेती
मुसाए बाबा के फाटल धोती
देखलो गामक ई सब रीत
गबैत रहलो इहा हम गीत
क्याकी .............
ग़लती भेल आय हमरा से.........

अपन जीवन के हम की कहू
खापैर- बारहैंन से नयन जुरेलो
फIशी चढ़लो हम मरी जायब
ज़हरो ख़ाके स्वरगो से एलो
हारल थाकल मिथिला लैब मे बैस्लो 
 जीतू  जी कहलायत ई की केलो
मिथिला के आहा नाक कटेलो
क्याकी .............
   ग़लती भेल छल  आय हमरा से..........
~: लेखक :~
मदन कुमार ठाकुर
कोठिया पट्टीटोल
झंझारपुर (मधुबनी)
बिहार - ८४७४०४
मो - ९१-९३१२४६०१५०
ई मेल - madankumarthakur@gmail.com 
( आहूँ  गलती  जुनी  करू मिथिला सं )जय मैथिल, जय मिथिला

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