गुरुवार, 14 अक्टूबर 2010

हमहूँ मिथिला के बेटी छीक ?


भोरे   सूती उठी देखलो
आँखी सं अपन  नोर पोछैत ,
माए पुछलक कियाक कनैत  छीक  ?
की देखलो  स्वप्न में कुनू दोस ?
बेटी आँखिक  नोर  पोछैत --की माए
हमहूँ  मिथिला  के  बेटी  छीक  ?

जतय  सीता जन्मली  मैट सं
ओहो  एकटा  नारी  भेली ,
जिनका रचायल वियाह स्वम्बर
हमहूँ  ओहिना एगो  नारी  छीक
बेटी आँखिक  नोर  पोछैत --की माए
हमहूँ  मिथिला  के  बेटी  छीक  ?

आय  देखैत छीक घर - घर में
दहेजक  कारन  कतेक घरसे बहार ,
उमर  वियाहक  बितैत  अछि  हमरो --
की करू  हमहूँ  अपन  उपचार  ?
बेटी आँखिक  नोर  पोछैत --की माए
हमहूँ  मिथिला  के  बेटी  छीक  ?

धिया - पुत्ता में कनियाँ - पुतरा  संग
अपन  जिनगी  के केलो  बेकार ,
बाबु - काका  लगनक आश  में
सालक - साल लागोलैन जोगार ,
बेटी आँखिक  नोर पोछैत --की माए
हमहूँ  मिथिला  के  बेटी  छीक  ?

वियाह  देखलो संगी - सहेली क
नयन  जुरयल  मन  में  आस   भेटल ,
बट सावित्री    मधुश्रवणी पूजितो
सेहो आई सपनोहूँ से  छुटल
बेटी आँखिक  नोर पोछैत --की माए
हमहूँ  मिथिला  के  बेटी  छीक  ?

लेखिका -  
सोनी कुमारी (नॉएडा )
पट्टीटोल , भैरव  स्थान ,
झंझारपुर , मधुबनी , बिहार
इ मेल -madanjagdamba@yahoo.com

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