बुधवार, 31 जुलाई 2024

विचारणीय : मुसलमान कहां दोषी है

*विचारणीय : मुसलमान कहां दोषी है*  

           अभी अभी एक मामला आया था जिसमे एक आदेश जारी हुआ था कांवड़ मार्गो पर दुकानदारों को अपना वास्तविक नाम लिखने का।उसमे मैंने एक चीज नोटिस की कि कही भी दुकानदारों ने इस आदेश का बड़े स्तर पर विरोध नही किया,यहाँ तक कि मुस्लिम दुकानदार भी आसानी से इस आदेश का पालन करने लगे।उन्होंने अपनी दुकानों के बाहर,रेस्टोरेंट व ढाबो के बाहर अपने नाम लिखवा दिए।

*अगर किसी स्तर पर विरोध हुआ तो राजनैतिक स्तर पर।सबसे मजे की बात ये रही सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका किसी मुस्लिम ने दायर नही की।याचिका दायर की एसोसिएशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक NGO ने।ओर सुप्रीम कोर्ट में इस NGO के वकील थे कांग्रेस नेता अभिषेक मनुसिंघवी।

आज इसी प्रकरण में मेरी बात एक मुस्लिम व्यापारी से हुए।मैंने उससे समुदाय विशेष स्तर पर इस आदेश का कोई विरोध न करने का कारण जाना। उसका जबाब सुनकर मैं बहुत अशांत हो गया।उसने बताया कि जनाब क्या फर्क पड़ता है नाम लिखने से । हिंदू और सिख तो हमेशा से ही उन लोगो का साथ देते हैं जो उनके  खिलाफ लड़ने के लिए उत्सुक रहते हैं  । 

*अब हमारे ख्वाजा मोइद्दीन चिश्ती साहब को ही ले लो,  उन्होंने पृथ्वीराज की बेटियों का सरेआम बलात्कार कराया और आज हिंदू उनकी मजार को चूमने को ही लालायत रहते हैं* 

अभी राममंदिर प्रकरण को ही ले ,यदि तुम्हारे हिन्दू ही राममंदिर के विरोध में खड़े नही होते तो क्या किसी मुस्लिम की हिम्मत थी जो बाबरी मस्जिद के पक्ष में खड़ा हो जाता। 

*हमारे पूर्वजों ने सिखों के गुरु गोविंद सिंह जी का सरे आम कत्ल किया, उनके बच्चों को दीवार में चुनवा दिया और आज उनकी पुश्तें हमारे तलवे चाटने को तैयार बैठी हैं ।

आपने देखा नही कैसे वो लोग अपने गुरुद्वारों में हमे नमाज अदा करवा रहे हैं।रोजा इफ्तारी करा रहे हैं। 

*साहब तुम्हारे लोग बहुत भुलक्कड़ व लालची है।चौरासी के दंगों में कांग्रेस ने सिखों का कत्लेआम करवाया और आज सिख कांग्रेस के साथ साथ मुसलमान के तलवे चाटने को ललायत है।

*मुलायम सिंह ने हिंदुओं पर गोलियां चलवाई और आज हिंदू, उसके बेटे श्री अखिलेश यादव की चरण वंदना करने को लालायत हैं उनके लिए दरे बिछा रहे हैं ।* 

इसलिए साहब कोई फर्क नहीं पड़ता । अगर मुसलमान का नेम प्लेट भी लगी  हो और हिंदू को वही आम किसी मुस्लिम दुकानदार की दुकान पर ₹5 सस्ता मिल रहा है तो वह मुसलमान से ही खरीदेगा।

   आप ही के भाई,आपके हिन्दू धर्म का हिस्सा एस.सी., एस.टी. व दलित समाज के लोग जय मीम जय भीम में इतना खो गए हैं कि उन्हें इन चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता। और आप पड़े हो नाम के चक्कर में। 

*हिंदू को ₹ 5 प्रति किलो अगर सब्जी सस्ती मिले तो वो किसने थूका है किसने मुता है सब भूल जाएंगे,सामान हमसे ही खरीदेंगे। 

*मैं उसकी बात सुन सन्न रह गया और ये सोचते हुए कि हिन्दुओ की बर्बादी का वास्तविक जिम्मेदार खुद हिन्दू है या मुसलमान सोचते हुए घर वापिस आ गया।*

शुक्रवार, 26 जुलाई 2024

मैं बहुत सोचता हूं पर उत्तर नहीं मिलता..

मैं बहुत सोचता हूं पर उत्तर नहीं मिलता...

आपको भी इन प्रश्नों पर गौर करना है.. 

१. जिस सम्राट के नाम के साथ संसार भर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं...

२. जिस सम्राट का राज चिन्ह अशोकचक्र भारत देश अपने झंडे में लगाता है...

३. जिस सम्राट का राज चिन्ह चारमुखी शेर को भारत देश राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलाती है और सत्यमेव जयते को अपनाया गया है...

४. जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान सम्राट अशोक के नाम पर अशोक चक्र दिया जाता है...

५. जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ, जिसने अखंड भारत (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एकछत्र राज किया हो...

६. जिस सम्राट के शासन काल को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं...

७. जिस सम्राट के शासन काल में भारत विश्व गुरु था, सोने की चिड़िया था, जनता खुशहाल और भेदभाव रहित थी... 

८. जिस सम्राट के शासन काल जी टी रोड जैसे कई हाईवे रोड बने, पूरे रोड पर पेड़ लगाये गए, सराये बनायीं गईं इंसान तो इंसान जानवरों के लिए भी प्रथम बार हॉस्पिटल खोले गए, जानवरों को मारना बंद कर दिया गया...

ऐसे महान #सम्राटअशोक की जयंती उनके अपने देश भारत में क्यों नहीं मनायी जाती? न कि कोई छुट्टी घोषित कि गई है अफ़सोस जिन लोगों को ये जयंती मनानी चाहिए, वो लोग अपना इतिहास ही नहीं जानते और जो जानते हैं वो मानना नहीं चाहते...

1. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया…? (जबकि ये बात सभी जानते हैं कि सिकंदर की सेना ने #चन्द्रगुप्तमौर्य के प्रभाव को देखते हुये ही लड़ने से मना कर दिया था बहुत

ही बुरी तरह मनोबल टूट गया था जिस कारण , सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने सेनापति सेल्युकश कि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी)

2. #महाराणाप्रताप ”महान” ना होकर ... अकबर ”महान” कैसे हो गया…? (जबकि, अकबर अपने हरम में हजारों


लड़कियों को रखैल के तौर पर रखता था यहाँ तक कि उसने अपनी बेटियो और बहनोँ की शादी तक पर प्रतिबँध लगा दिया था जबकि महाराणा प्रताप ने अकेले दम पर उस अकबर के लाखों की सेना को घुटनों पर ला दिया था) 

3. #सवाईजयसिंह को “महान वास्तुप्रिय” राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली...? जबकि साक्ष्य बताते हैं कि #जयपुर के हवा महल से लेकर तेजोमहालय {ताजमहल} तक, महाराजा जय सिंह ने ही बनवाया था...!

4. जो स्थान महान मराठा #क्षत्रियवीरशिवाजी को मिलना चाहिये वो क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया...? 

5. स्वामी विवेकानंद और आचार्य

चाणक्य की जगह… विदेशियों को हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…? 

6. तेजोमहालय- ताजमहल, लालकोट- लाल किला, फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा एवं सुप्रसिद्ध गणितज्ञ वराह मिहिर की मिहिरावली(महरौली) स्थित वेधशाला- कुतुबमीनार, क्यों और कैसे हो गया...?

7. यहाँ तक कि राष्ट्रीय गान भी… संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह गुलामी का प्रतीक जन-गण-मन हो गया है कैसे और क्यों हो गया...?

8. और तो और हमारे आराध्य भगवान् राम व कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये...? पता ही नहीं चला, आखिर कैसे...? 

9. यहाँ तक कि हमारे आराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या भी कब और कैसे विवादित बना दी गयी…? हमें पता तक नहीं चला…

कहने का मतलब ये है कि हमारे दुश्मन सिर्फ बाबर, गजनवी, तैमूरलंग ही नहीं हैं बल्कि आज के सफेदपोश तथाकथित सेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन हैं।