सोमवार, 28 अगस्त 2023

रक्षाबंधन 2023 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त



जानिए रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त :- पंचांग के अनुसार, इस साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की

पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 45 मिनट पर हो रहा है. 

रक्षाबंधन 2023 पर भद्रा का साया

इस साल 30 अगस्त को रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है. राखी वाले दिन भद्रा सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रही है और यह रात 09 बजकर 01 मिनट तक है. ऐसे में जब भद्रा खत्म होगी, तब राखी बांधा जा सकेगा. यह भद्रा पृथ्वी लोक की है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं.

रक्षा बंधन का पर्व प्रत्येक वर्ष श्रावण शुक्ल पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार पुरे विश्वभर में मनाया जाने वाला एक ऐसा पर्व है जो अपने साथ भाई बहनों के प्यार को स्नेहरुपी धागों में जन्मजन्मांतर तक बांध के रखता है,भाई -बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक है यह पर्व।

30 अगस्त 2023 के दिन  भद्रा का साया रहेगा 

रक्षाबंधन भद्रा पूँछ - शाम 05:30 - शाम 06:31

रक्षाबंधन भद्रा मुख - शाम 06:31 - रात 08:11

रक्षाबंधन भद्रा का अंत समय - रात 09:02

रक्षाबंधन 2023 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

30 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात 09:01 बजे से रात्रि 11:30 तक .

31 अगस्त को सूर्योदय से प्रातः 7:45 तक शुभ मुहूर्त। 

उदया तिथि के अनुसार 31 अगस्त को सुबह से पूरे दिन तक रक्षाबंधन मनाया जा सकता है। 

तिथि दो प्रकार की होती है 

एक वह जो सूर्य-चंद्र के भोग्यांश प्रति 12 अंश पर सुनिश्चित कर के पंचांग में प्रतिदिन समय के साथ लिख दिया जाता है। 

दूसरी वह तिथि होती है जिसे उदया तिथि के नाम से जानते है या साकल्यापादिता तिथि के नाम से जाना जाता है। 

ध्यान रहे :-उदया तिथि या साकल्यापादिता तिथि सूर्योदय के बाद चाहे जितनी हो, वह तिथि उस दिन व्रत,पूजा आदि के लिए मान्य होती है और पुण्यकाल प्रदान करने वाली होती है, उदया तिथि सूर्योदय से चाहे एक घाटी हो या आधी घटी हो वह पुरे दिन मान्य होती है। 

रक्षाबंधन के त्योहार को प्रभावशाली बनाने के लिए वेद मन्त्र का उच्चारणः करते हुए राखी बांधे , जिससे भाई बहन का पवित्र रिस्ता कायम रहे ,

आज के दिन सभी भाइयों को अपनी बहन के साथ सभी बहनो की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए , जिससे समाज में माताए बहने आजादी से अपना कार्य कर सके।

राखी बांधते समय करें इस मंत्र का उच्चारण :-

येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ॥

भविष्यपुराण के अनुसार इन्द्राणी द्वारा निर्मित रक्षासूत्र को देवगुरु बृहस्पति ने इन्द्र के हाथों बांधते हुए निम्नलिखित मंत्र के द्वारा रक्षाबन्धन बाँधा था।

इस श्लोक का हिन्दी भावार्थ है- "जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बाँधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुझे बाँधता हूँ। हे रक्षे (राखी)! तुम अडिग रहना (तू अपने संकल्प से कभी भी विचलित न हो।)"

अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए नंबर पर संपर्क करे 

9227204176

राधा मोहन पांडे 

बुधवार, 16 अगस्त 2023

कौन कहता है की कांग्रेस ने पिछले 65 सालों में कुछ काम नही किया ? बहुत किया

 इतिहास ज्ञात होना चाहिए -: अधाधुंध कांग्रेस की आलोचना करते जाना ठीक नहीं है। कांग्रेस की उपलब्धियां भी जाननी चाहिए और देखिए।

कौन कहता है की कांग्रेस ने पिछले 65 सालों में कुछ काम नही किया ? बहुत किया, लेकिन मुसलमानों के लिए ?

• पाकिस्तान बनाया, मुसलमानों के लिए,

• बांग्लादेश बना,  मुसलमानों के लिए,

• धारा ३७० लागू हुई, मुसलमानों के लिए।

• अल्पसंख्यंक बिल आया, मुसलमानों के लिए।

• मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बना, मुसलमानों के लिए।

• अल्पसंख्यंक मंत्रालय बना, मुसलमानों के लिए।

• वक़्फ़ बोर्ड बनाया, मुसलमानों के लिए।

• अल्पसंख्यंक विश्वविद्यालय बना, मुसलमानों के लिए।

• देश का बंटवारा धार्मिक आधार पर हुआ, मुसलमानों के लिए।

• Places of worship Act लाये,  मुसलमानों के लिए।

• Anti communal violence bill दो बारी संसद में पेश किया परंतु BJP ने पास नहीं होने दिया,  वो बिल भी मुसलमानों के लिए और कहीं अगर यह बिल पास हो जाता तो हिंदुओं को ख़त्म होने में मात्र 10 साल लगते ?  यदि किसी को कोई शक हो तो google पर जाकर पढ़ सकता है। • देश को चुपचाप इस्लामिक देश बनाने की तैयारी कांग्रेस ने की थी, और हिंदूओं के लिए सिर्फ आरक्षण दिया, ताकि हिंदू समाज सदा आपस मे लड़ता रहे और कभी गजवा-ए-हिन्द को समझ ही न पाये ।

हिंदूओं को दुय्यम, दोयम ( second rate citizen) नागरिक बनाने के लिए - हिंदू कोड बिल लाये, तो वो भी मुसलमानों के लिए,

कभी - कभी मन करता है कि पोस्ट ही ना करूं ?  फिर ख्याल आता है कि पढेगा भारत, तभी तो कांग्रेसियों की छाती पे चढ़ेगा भारत ? इस पोस्ट को पढ़कर कुछ समझ आया तो अधिक से अधिक लोगों तक क्या पोस्ट पहुंचने में सहयोग करें।

जय श्री राम  - राधे राधे गोविन्दा 

मंगलवार, 15 अगस्त 2023

कुछ सच जो 1947 से आज तक कानूनन हम हिन्दुस्तानियों से छिपाकर रखे गए (Transfer of Power Agreement. )



    प्रत्येक भारतीय को यह जानना आवश्यक है की आखिर क्यों 2024 में  मोदी जी को सत्ता में लाना हम भारतीयों के लिए अति आवश्यक है जान कर होश उड़ जायेंगे 

       कुछ सच जो 1947 से आज तक कानूनन हम हिन्दुस्तानियों से छिपाकर रखे गए,आजादी के समय कुकर्मी नेहरू और गाँधी ने जल्दी सत्ता पाने की लालच में अंग्रेजो के साथ Transfer  of  Power Agreement. गोपनीय समझौता साइन किया

         जिसकी शर्त ये है की 1947 से 50 वर्षों तक भारत इस पेपर को सार्वजनिक नहीं कर सकता और इसमें संसोधन का अधिकार भारतीय संविधान के अनुसार भारतीय संसद, प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पास भी नहीं है,संविधान अनुच्छेदों 366, 371, 372, 395

*जिसके कुछ भयानक तथ्य*

*क्या आप जानते हैं कि 1947 से आज तक हमारे देश से प्रतिवर्ष 10 अरब रुपये पेंशन  महारानी एलिजाबेथ को आज भी जाती है।

*समझौते के तहद भारत आजतक प्रति वर्ष 30 हजार टन गौ-माँस ब्रिटेन को देने के लिए बाध्य है।

*भारत अपना एंबेसडर (राजदूत) जापान,चीन, रूस जैसे देशों में नियुक्त करता है…लेकिन श्रीलंका,पाकिस्तान,कनाडा,आस्ट्रेलिया इन देशों में राजदूत नही केवल हाईकमिश्नर (उच्चायुक्त) ही नियुक्त कर सकता है.आखिर ऐसा क्यों.?

*आखिर भारत समेत 54 देशों को कॉमनवेल्थ कंट्री के नाम से क्यों जाना जाता है, इंडिपेंडेंट नेशन के नाम से क्यों नहीं?*

        कॉमनवेल्थ का अर्थ होता है,"सयुंक्त सम्पत्ति" Joint Propertyब्रिटिश नैशनैलिटीअधिनियम 1948 के अन्तर्गत हर भारतीय,आस्ट्रेलियाई, कनेडियन,चाहे हिन्दू,मुसलमान ईसाई, बौद्ध, सिक्ख आज भी कानूनन ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ के ग़ुलाम हैं जो अब मर चुकी है तो अब उनकी जगह हम किंग चार्ल्स 3 के गुलाम हैं।

*सन् 1997 में इस Transfer  of  Power Agreement.गोपनीय समझौता के 50 साल पूरे होने से पहले ही इसको सार्वजनिक होने से रोकने हेतु विदेश एजेंट सोनिया माइनो ने तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्द्र कुमार गुजराल द्वारा इसकी अवधि 2024 तक बड़ा दी थी।

*अब 2024 में ये गोपनीय समझौता पुन: सार्वजनिक होने के डर से भारत विरोधी शक्तियां मोदी जी का विरोध कर रही हैं ताकि 2024 में भी यह सार्वजनिक न हो पाये और..* 

*हमारे देश से 10 अरब रुपये पेंशन प्रतिवर्ष ब्रिटेन जाता रहें।

*हमारे देश से प्रति वर्ष 30 हजार टन गौ-माँस ब्रिटेन जाता रहे और भी रहस्य झुपे है।

*स्वतन्त्र भारत का इतिहास गवाह है कि जब भी भारत में मजबूत नेता लाल बहादुर शास्त्री जी आए तो उनकी हत्या करवाई गई यह सभी को पता है…

*उन्हे ताशकंद में खाने में जहर दिया गया.. उनकी मौत,सुभाष चंद्र बोस की मौत आदि रहस्य बनकर रह गई..

*इसी तरह हमारी स्वतंत्रता भी एक रहस्य बनी है

       मेरे प्रिय सनातनी भारतवासियों से अपील है कि अपना निज स्वार्थ ऊंचनीच प्रांतवाद के सब भेदभाव मिटाकर देश धर्म और आनेवाली पीढ़ी की रक्षा, सुख शांति समृद्धि के लिए 2024 मे मोदी सरकार को भारी जनादेश से प्रधानमंत्री बनाना ही होगा..,इसे अपनी मजबूरी, लाचारी या समय की मांग कहें दूसरा कोई विकल्प ही नही है।

*वरना देश के दुश्मन गद्दार कांग्रेसी, वामपंथी, स्वार्थी भ्रष्टाचारी केजरी, ममता अखिलेश जैसे आतंकवादी टुकड़े टुकड़े गैंग समर्थक भारत को लूटकर बर्बाद कर देंगे या इस्लामिक देश बनाने की कगार पर खड़ा कर देगें।

इसीलिए ये चंद रुपयों में बिके हुए विपक्षी दल, न्यूज चैनल जी जान लगाकर जनता को गुमराह करके मोदी जी को बदनाम और रोकने की बेसब्री से कोशिश दिनरात कर रहे हैं…

अतः जागरूक रहें और हर भारतीय को उनकी वाली पीढ़ी को सुरछित जीवन देने के उद्देश्य से ये बात बताएं सावधान रहें, सतर्क रहें।

*हम भारतीयों के पास.मोदी लाओ देश बचाओ. के अलावा दूसरा कोई रास्ता ही नहीं।

      *सनातन एकता जिंदाबाद*

*इस संदेश को कम से कम पांच ग्रुप मैं जरूर भेजे*

*कुछ लोग नही भेजेंगे लेकिन मुझे यकीन है आप जरूर भेजेंग

मंगलवार, 8 अगस्त 2023

लघुकथा - रुबी झा मधुबनी

       भूषणक घरमे आय चारि दिन सँ चूल्हामे आँच नै पड़लैन। घरमे एको कनमा अन्न नै छलैन।पैन पीब क' दुनू बच्चा कें पाँजड़िमे साटि भूषणक कनिया सुति रहै छलैथि।आय बड़का बेटा (५)बड कानै लगलैन,और छोटका( २) कानैयो कें स्थितिमे नै छलैन ततेक कमजोर भँ गेल छलैन।भूषण सँ भूषनक कनियाँ कहलखिन्ह !यौय चलु ना   पीताम्बर बाबू कें खेतमे जन गेलैन्है धान काटैय लेल अपनो सब काटि आनब ।और बोइन जें हैत ओहि सँ चूल्हामे पजाड़ पड़त और बच्चा सब कें भूख शांत हैत।लागैया दुनू बच्चा कें अन्न बिना प्राण निकैल जैत।भूषण  बजला मइर जैब चारु प्राणी पेटमे पेट सटा कँ से मंजूर। लेकिन दोसरा कें खेतमे ब्राम्हण भँ कँ बोइन करय कोना जायब।लोक कि कहत ? समाज कि सोचत ?

कनिया कहलखिन्ह कियै ब्राम्हण भेनाय अभिशाप छै कि ?

भूखल-प्यासल घरमे प्राण त्यैग देब लेकिन किनको खेत मे काज करय नै जैब।लोक कि कहत, समाज कि सोचत ?

समाज हमरा खाय लेल द जायया कि ?

हमरा सँ तँ नीक फेकना अछि दुनू प्राणी बोइन करैया और बच्चा सब कें पोसैयै।

कनियाक बात सुनि भूषण मुरी झुकोने चुपचाप बैसल रहि गेलैथ।

नहिं किछु बजला आ नहिं हिलला!

आखिर ओ ब्राह्मण छलैथ कोना ककरो दोसरक खेतमे बोइन करऽ जैतैथ।

            इ जें मैथिल समाजक ढकोसलापन अछि ताहि कारणे सेहो अपने सब बहुत पाछु रैह गेलौंह।

और पलायन कें एकटा मुख्य कारण हमरा जनैत ईहो  अछि।

परदेशमे जा कँ हमसब सब काज करब,ठेली- रेरी लगायब,दोसरक घरमे काज करब।

लेकिन अपन गाम मे रहि कँ बबुआनी छाँटब।