सोमवार, 29 नवंबर 2021

पढ़ा लिखा प्राइममिनिस्टर एवं अर्थशास्त्री मनमोहन जी vs अनपढ़, फेकू, जुमलेबाज नरेंद्र मोदी

 आप अंधभक्त बने या न बनें, परन्तु अंध आलोचक न बनें । 

लेख लंबा है परंतु जैसा प्राप्त हुआ वैसा आगे प्रेषण करने से खुद को रोक नही सका 

बी.एस.एन.एल.  का पहला घाटा *2009 में*, और कितना 

*10,000 करोड़ का।*

Air india के जहाज़ बेचे  *2010  में।*

और कई बार Air India को बेचने की कोशिश की, पर ग्राहक नहीं मिले।

HMT कंपनी का घाटा  *2014* में, 

नतीजा कंपनी बंद।

SBI जैसे सबसे बड़े बैंक 

के *शेयर बेच कर* देश का सबसे कम सरकारी शेयर होल्डिंग वाला बैंक बनाया, 

57% शेयर की हिस्सेदारी।

बैंक में सिर्फ 1 लाख रुपए  तक की सुरक्षा गारंटी थी , 

जिसे *अनपढ़ मोदी ने 5 लाख किया।*

बिना witness के बैंक अकाउंट नहीं खुलता था , मनमोहन के राज में 

*पर अनपढ़ मोदी ने सेल्फ अटेस्टेशन को मान्यता दी,* 

अब किसी witness की जरूरत नहीं।✔️

वरना आज भी एक आधार कार्ड पर, 

खुदके हस्ताक्षर की बजाय, 

नोटरी से अटेस्ट करते 

और पैसा, टाइम दोनों बर्बाद होता।

ग्रुप C और ग्रुप D की नौकरी के लिए इंटरव्यू रखा था,पढे लिखे मनमोहन ने ..

यानी सफाई कर्मचारी भी इंटरव्यू देता था, 

और इंटरव्यू यानि रिशवत का रास्ता।

*अनपढ़ मोदी ने इंटरव्यू बंद कर दिया*

नौकरी के लिए पहले ऑफलाइन परीक्षा होती थी, सेटिंग चलती थी, 

रिजल्ट भी देर से आता था।

*अनपढ़ मोदी के राज में ऑनलाइन परीक्षा हुई*

मनमोहन के राज में किसी गरीब को प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज़ की सुविधा नहीं थी 

*अनपढ़ मोदी ने 5 लाख प्रति साल तक इलाज़ की सुविधा दी*

गरीब को सस्ता बीमा उपलब्ध नहीं था।

*फेंकू मोदी ने 12 रुपये साल के लेकर 2 लाख का बीमा दिया।*

पढ़ा लिखा मनमोहन ये ना सोच सका कि प्राइवेट वर्कर को 60 साल के बाद पेंशन कैसे दें। 

*अनपढ़ मोदी अटल पेंशन योजना ले आया,*

जिसमे 5000 महीना पेंशन और 8.5 लाख की सहायता का प्रावधान है।

*अनपढ़ मोदी 9 करोड़ फ्री  गैस कनेक्शन दे चुका है,*

मनमोहन ने एक भी फ्री नहीं दिया।

पढ़ा लिखा मनमोहन होम लोन पे 1 रूपया का सब्सिडी नहीं दे पाया।

*पर बेचारा फेकू, होम लोन पे 2.7 लाख रुपये वापस देता है।*

*व्यापार  करने के लिए गारंटी बिना लोन, 10 लाख तक  देता है, ये चाय वाला।*

पढ़े लिखे ने अपने स्मार्ट mind से कितने घोटाले कराये, 

ये अनपढ़ मोदी तो सोच भी नहीं सकता।

*महिलाओं को 6 महीने की मैटरनिटी leave दी, इस अनपढ़ ने।*

*किसानों को महीने का 500 रूपया पेंशन देता है ये अनपढ़,*

पर पढ़ा लिखा प्राइम मिन्स्टर ने दिया तो कुछ नहीं, 

*ये जो सस्ता unlimited मोबाइल डाटा मिल रहा है ,*

*ये इसी अनपढ़ के  राज में हुआ*

जिससे आज 

ऑनलाइन पढ़ाई ,

ऑनलाइन बिज़नेस ,

ऑनलाइन मीटिंग संभव हो पायी।

*ये जो आज रेलगाड़ी के स्लीपर डब्वे में हर जगह मोबाइल चार्जिंग पॉइंट देखते है, यही फेंकू लगवा रहा है।*

ईमानदार मनमोहन तो इतना भी न सोच पाया की तत्काल का टिकट लेने में इतना परेशानी होती है। 

इस अनपढ़ ने आते ही, *तत्काल टिकट का टाइम बदल कर इस परेशानी को काफी कम कर दिया।*

करंट रिजर्वेशन करके (चार्ट बनने के बाद भी), टिकट  की wastage और यात्री की सुविधा को बढ़ाया।

देश में होने वाले बम व्लास्ट को तो आप भूल गए, "wednesday" movie देख लेना, शायद याद आये।

चीन बॉर्डर पर कितना सड़क, armypost  बनाया इस मोदी ने खुद।

 RTI कर लेना

*इन्कमटैक्स पर छूट की लिमिट भी 5 लाख तक इसी चायवाले ने की।*

मनमोहनजी के टाइम बिजली की कमी थी,

*पर इस अनपढ़ ने सोलर पावर से उस कमी को बहुत हद तक कम किया,*

UP, बिहार वालो को बिजली कितनी मिलती थी सब जानते हैं 

ये जो लाल बत्ती देखते थे ना, हर किसी की गाडी पर, उसे भी मनमोहन ने नहीं मोदी बंद किया 

कोरोना में कहा गया की देश में हॉस्पिटल व्यवस्था अच्छी नहीं, जो कि सच भी है। 

पर सच ये भी है कि मनमोहनजी ने 6 AIIMS बनाये, वो भी अटल जी द्वारा sanction kiya plan था, 

*2014 में 7 AIIMS थे, और आज 14 हैं ...*

*जो की फेकू मोदी ने ही फेकते फेकते बना दिए ..*

अभी और भी करने की आवश्यकता है, पर सुधार तो हुआ है 

Nrega को मनमोहन ने शुरू किया और मोदी ने इसका बजट और बड़ा कर दिया। 

*One रैंक one पेंशन जिसे इंदिरा ने बंद किया , पर मोदी ने वापस बहाल किया।*

किसी 20 साल पहले  रिटायर्ड फौजी से इसका फायदा पूछना।

One नेशन One राशन दूसरे राज्यों में काम करने वाले मजदूरों से पूछो 

पढ़ा लिखा मनमोहन इतना सा काम भी भी न कर सका।

*ये जो फ़ोन नंबर पोर्ट करते हो न, ये भी मोदी के टाइम हुआ,*

वरना पहले तो फ़ोन चोरी होते ही नया नंबर लेना पड़ता था।

राजघाट 44 एकड़,

शांतिवन 52 एकड़, 

विजयघाट 44 एकड़ ये दिल्ली जैसी जगह पर जहां रहने को घर की जगह नहीं, वहां बनाये ..

आज भी करोड़ो खर्च होता है, उसके रख रखाव पर ..पर सब चुप 

पर जैसी ही सरदार पटेल की 5 एकड़ की प्रतिमा 2,000 करोड़, जिसमे 500 करोड़ गुजरात, 250 करोड़ केंद्र का or बाकी दूसरे  राज्यों या प्राइवेट फंडिंग से आया, 

जिसमे हर साल लाखों लोग टिकट ले कर जाते हैं (3 साल में 50 लाख लोग ) उसकी आलोचना होती है।

15 करोड़ सालाना   औसतन एक समाधि का खर्च है, चलो माना महान लोग थे, 

*तो देश में फ़ौजिओं के लिए एक भी मेमोरियल क्यों नहीं बना,*

मनमोहन जी ही बना देते ..

नहीं भाई, वो भी इस चाय वाले को ही करना था.

*इसिलए दिल्ली में देश का पहला वॉर मेमोरियल बना अब.*

मनमोहन जी इतने महान थे की उन्हें देश के गरीबो के लिए सस्ती दवाई देने की बात नहीं सूझी, 

भाई दवा सस्ता दोगे तो प्राइवेट कंपनी को घाटा होगा,

*पर 'प्राइवेट कम्पनिओं के हाथो की कठपुतली' मोदी ने तो जन औषधि केंद्र खुला दिए,*

*जहां 70 प्रतिशत तक मार्किट से सस्ती दवाई मिलती है,*✔️

तो प्राइवेट कंपनी की कठपुतली कौन था .

12 रुपये का बीमा देने वाली सरकार 

या जिसने कभी कुछ गरीबों को दिया ही नहीं ..

बात Ram मंदिर की भी कर लें, 

जब तक मंदिर नहीं बना तो कहते थे, ये तो बीजेपी का इलेक्शन का नारा है ..

और फिर जब इस फेकू ने राम मंदिर का मुद्दा सुलझा दिया तो सबको मिर्ची क्यों लगी? 

कांग्रेस ने कोर्ट में मंदिर मुद्दे का निर्णय देर से करने की एप्लीकेशन लगाई थी, याद है कि भूल गए ..

भूल ही गए होंगे आप 

1947 भूले, 

सुभाष जी की हत्या भूले, 

शास्त्री जी की रहस्यमय मौत भूले, 

1962 की चीन हार भूले जिसमे हज़ारो एकड़ जमीन चीन ले गया, 

आप 1984 भूले ,

1989 कश्मीर भूले,

1992 में राम भक्तों पर चली गोली भूले, 

26/11 जैसे अनेक बम ब्लास्ट भूले, 

अनेक घोटाले भूले।

डीजल और सिलिंडर की बात करें 

तो मेरा स्पष्ट मानना है इसमें राजनीती होती है। 

जो पार्टी विपक्ष में होती है वो जब सत्ता में होती है तो इन विषय पर कुछ नहीं कर पाती, 

क्योकि इन वसतुओं पर देश आत्मनिर्भर नहीं है ..

तो मोदीजी भी इस विषय पर कुछ नहीं कर पाए 

बाकी कुछ रेट कम करते तो वो कसर कोरोना ने निकाल दी, 

तो एक्साइज ड्यूटी का अधिकतम पैसा वही लगने लगा ..

102 करोड़ लोगो को मुफ्त टिका, मुफ्त इलाज़, ऑक्सीजन मुफ्त, अनाज मुफ्त, सिलिंडर, वेंटीलेटर और तमाम अन्य सहायता, तो फिलहाल डीज़ल, पेट्रोल के दाम भी कम किये हैं ।                           

       पर हमने डीजल-पेट्रोल के लिए मोदी को नहीं भेजा, ये तो मनमोहन जी कर ही लेते।

*जो कश्मीर से 370 धारा हटी, वो सिर्फ मोदी ही कर सकता था।*

*मोदी CAA लाये, जिससे गैर मुस्लिमो को देश की नागरिकता का हक़ मिला*

और जिसे मनमोहन जी ने सत्ता में रहते हुए खुद यही किया था।

देश में बहुत सी चुनातियाँ हैं, और मनमोहन और मोदी दोनों ने, अपनी क्षमता से काम करने की कोशिश की ..

बाकी आपको तय करना है।

इस तुलनात्मक विवरण का मकसद सिर्फ इतना ही है कि 

*आप अंधभक्त बने न बनें,* 

*पर अंध आलोचक बिलकुल न बनें ..*

*सुन लो रे पप्पूओ- पिंकीयो*

इन 7 सालों में मोदी जी ने क्या किया जो आज तक स्वतंत्र भारत के इतिहास में कोई नहीं कर पाया। अवश्य पढ़ें कहीं बीच में ही छोड़ दिया तो आपकी आँखे बंद ही रह जाएंगी इसलिए पूरा अवश्य पढ़ें ,,

*पहली उपलब्धि* 

,200 साल तक हमारे देश को गुलाम बनाने वाले ब्रिटेन में 53 देशों की मीटिंग में मोदी जी महा अध्यक्ष बने,,,इसी बात से हर एक भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाना चाहिए,,,

*दूसरी उपलब्धि*

 UN मानवाधिकार परिषद में भारत की बड़ी जीत हुई है,,,सबसे ज्यादा वोटों के साथ बना सदस्य,, 97 वोटों की आवश्यकता थी मिले 188 वोट,,,, क्या अब भी भारत की जनता पूछेगी की मोदी विदेश क्यूँ जाते हैं,,,,

*तीसरी उपलब्धि*

दुनियाँ के 25 सबसे ताकतवर देशों की हुई लिस्ट जारी,,, भारत आया नम्बर चार पर हमसे आगे अमेरिका, रूस और चीन है,,,ये है मोदी युग,,,

*चौथी उपलब्धि* 

,,,1 लाख करोड़ के पार पहुँचा GST का मासिक टैक्स कलेक्शन,,,,, ये है एक चाय वाले का अर्थशास्त्र,,,

*पाँचवी उपलब्धि* 

,,,नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में अमेरिका और जापान को पीछे छोड़ भारत पहुँचा दूसरे स्थान पर,,,,

*छठी उपलब्धि*,,,,,2017-18 में दोगुना हुआ सौर ऊर्जा का उत्पादन,,,,

चीन और अमेरिका भी दंग है,,, 

*सातवीं उपलब्धि* 

भारत की आसमान छू रही GDP को देखकर,,,

भारत की GDP 8.2%, चीन की 6.7% और अमेरिका की 4.2%। अब भी कहेंगे भारतीय की मोदी विदेश क्यों जाते हैं,,,

*आठवीं उपलब्धि*

 ,,, जल थल ओर आकाश तीनों क्षेत्रों से सुपरसोनिक मिसाइल दागने वाला दुनियाँ का पहला देश बना भारत,,, ये है मोदी युग,,,अगर आपको गर्व हुआ हो तो जयहिन्द लिखना न भूलें,,,,

*नवीं उपलब्धि*,

,,,,70 सालों में पाकिस्तान को कभी गरीब नहीं देखा,, लेकिन मोदी जी के आते ही पाकिस्तान कंगाल हो गया,,, दरअसल पाकिस्तान की कमाई का जरिया भारतीय नकली  नोटों का व्यापार था,,,, जिसे मोदी जी ने खत्म कर दिया,,,

*दसवीं उपलब्धि*

 को भी पढ़ें,,,,,, एक बात समझ में नहीं आयी,,,

2014 में कांग्रेसी रक्षामंत्री ऐ.के. एंटोनी ने कहा था देश कंगाल है हम राफेल तो क्या छोटा जेट भी नहीं ले सकते,,,,पर मोदी जी ने ईरान का कर्ज भी चुका दिया,,

राफेल डील भी करली,, S-400 भी ले रहे हैं!

आखिर कांग्रेस के समय देश का पैसा कहाँ जाता था,,,?

*ग्याहरवीं उपलब्धि* 

,, सेना को मिला बुलेटप्रूफ स्कार्पियो का सुरक्षा कवच,,,

जम्मू कश्मीर में मिली सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो,,,

*बाहरवीं उपलब्धि*

 ,,, अब आपको बताता हूँ भारत का इन 4 सालों में विकास क्या हुआ,,,

अर्थ व्यवस्था में फ्रांस को पीछे धकेल नम्बर 6 बना,,,

*तेहरवीं उपलब्धि* 

,,, ऑटो मार्केट में जर्मनी को पीछे छोड़ नम्बर 4 बना,,,

*चौदहवीं उपलब्धि*

 ,,,, बिजली उत्पादन में रूस को पीछे छोड़ नम्बर 3 बना,,,

*पन्द्रहवीं उपलब्धि*,, टेक्सटाइल उत्पादन में इटली को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,

सोलहवीं उपलब्धि*, 

मोबाइल उत्पादन में वियतनाम को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,

*सत्ररहवीं उपलब्धि* ,,, स्टील उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,

*अठारहवीं उपलब्धि* ,,, चीनी उत्पादन में ब्राजील को पीछे छोड़ नम्बर 1 बना,,,

*उन्नीसवीं उपलब्धि*

राम मंदिर, धारा 370, ट्रिपल तलाक,

*जिन पर काम जारी है सी.ए.ए .एनआरसी. समान नागरिक संहिता ,जनसंख्या नियंत्रण कानून इत्यादि।*

*बीसवीं उपलब्धि*

हमेशा सोए रहने वाले हिंदूओं

में *राष्ट्रवाद* जगा दिया, पूरी दुनिया के सवा सौ करोड़ हिंदुओं का एक भी राष्ट्र नहीं है।

मैं इस काम को सबसे महत्वपूर्ण मानता हूं।

*इसको कहते हैं मोदी युग*

मोदी सरकार में घाटी से हो रहा है आतंकियों का सफाया,,,

लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी नवेद वट को मार गिराया,,,

हिज्बुल से जुड़े 2 आतंकी ढेर,,

8 महीनों में 230 आतंकियों को 72 हूरों के पास जहन्नुम में पहुंचाया......

कांग्रेस राज में आतंकी दहशत फैलाते थे

मोदी राज में सेना आतंकियों के लिए *दहशत* बनी हुई है,,,

ये है मोदी राज का फार्मूला,,,,

मोदी जी की बढ़ती हुई ख्याति से सारा विपक्ष बौखला गया है कि अब उनके भ्रष्टाचारी हथकंडे कामयाब नहीं हो सकते तब एक अभिमन्यु का वध करने के लिए सारे भ्रष्टाचारिता के महारथी एक होकर चक्रव्यूह की रचना कर रहे हैं 2024 में मोदी को हराने के लिए,,,लेकिन उन भ्रष्टाचारी महारथियों को यह नहीं मालूम कि द्वापर के अभिमन्यु की चक्रव्यूह भेदन की शिक्षा माँ के गर्भ में ली गयी थी और वो भी केवल घुसने की बाहर निकलने की नहीं, लेकिन इस मोदी रूपी अभिमन्यु ने चक्रव्यूह के भेदन व उसे चकनाचूर करने की शिक्षा माँ के गर्भ से बाहर आकर इस माँ भारती से ली है जो अजेय है पराजेय नहीं है,,,,

आइए आज हम सब मिलकर एक संकल्प ले कि इस सेवक को 2024 में इतने भारी बहुमत से विजयी बनावें की वह आंकड़ा गिनीज बुक में दर्ज होकर रह जाय जिस आंकड़े को कोई छू भी न सके,,,,,

 *2024 में मोदी जी को वापस भारत का प्रधानमंत्री बनाए।*

    जय हिंद जय भारत

*मेरे इस पोस्ट को आप गर्व से पांच ग्रुप मैं* *भेजे ताकि जन जन तक मेरा ये* *संदेश पहुंचे और पोस्ट की सार्थकता* *सिद्ध हो* 

रविवार, 28 नवंबर 2021

गलती ढूंढ के दिखाइए

 

1- कुरान सिर्फ मारने का नहीं बल्कि तड़पा-तड़पाकर मारने का आदेश देती है !! 

2- स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा को 12 घंटे से ज्यादा समय तक टॉर्चर करके मारा गया !

3- कैप्टन सौरभ कालिया के साथ हुई नृशंसता को लिखने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं !

4- पृथ्वीराज चौहान को अंधा करके मारा गया !

5- पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता को नग्न कर बलात्कार करने के लिये वहशी दरिंदों के बीच  फेंक दिया गया और मरने तक दरिंदे उसका रेप करते रहे

6- गुरु अर्जुनदेवजी को गर्म तवे पर बैठाने के बाद उन पर खौलती हुई रेत डालकर मारा गया !

7- गुरु तेगबहादुर जी की नृशंस हत्या कैसे की गई बताने की जरूरत नहीं !

8- भाई मतिदास जी को लकड़ी के दो पाटों में बांधकर ऊपर से नीचे आरी से चीरा गया !

9- भाई सतीदास को बड़े कड़ाह में खौलते तेल में डुबाकर मारा !

10- भाई दयाला जी को रुई में लपेटकर जिन्दा जलाया !

11- गुरु गोविंद जी के दो मासूम साहिबजादों को जिंदा ही दीवार में चुनवा दिया गया !

12- बाबा बंदा बहादुर को उनकी खाल नोंचते हुए पंजाब से दिल्ली लाने के बाद मारा गया, उनके मुँह में उनके ही बच्चे का दिल ठूँस दिया गया !

13- छत्रपती संभाजी महाराज को, 65 दिन हाल-हाल करके उनकी चमडी छिलकर, उनका वध किया गया !

14- जिस सोच ने सैंकड़ों साल तक ऐसी नृशंसताएँ कीं, उसी सोच ने 1990 में कश्मीर के सैंकड़ों हिन्दुओं के सिर में रॉड ठोककर मारा !

15- अभी अभी हाल ही में, फरवरी 2020 में, #अंकित_शर्मा को 2 घंटे से ज्यादा समय तक चाकू के 400 वार करके मारा गया !

लेकिन... फिर भी अगर आपको ऐसा लगता है कि मेरे जैसे लोग नफरत फैला रहे हैं और मोदी जी के आने के बाद हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा खत्म हो गया है तो...

आपको भगवान भी नहीं बचा सकते ! 

हम व्यक्तिगत  तौर पर किसी भी पार्टी के खिलाफ नही है लेकिन यदि कुछ bjp में अच्छा लगता है है वो तो वो सिर्फ उसकी धर्म को बचाने के लिए नीतियों जो आज तक कोई भी सरकार नही कर सकी 

ये मैसेज है जिन्हें आप सही दृष्टिकोण से समझोगे तो जानोगे महंगाई और तेल के दाम से इतना फ़र्क़ नही पड़ता जो जब पड़ेगा जब हम ऐसे राजा को शासन करने का मौका गवां देंगे जिसने धर्म की रक्षा के लिए  महत्वपूर्ण कदम उठाये है

  *1 - मोदी राम मंदिर बनवाता है...*

_तो मोदी IIT, IIM or AIIMS भी बनवाता है !_

2 -मोदी लाकडाउन लगाता है...*

_तो मोदी फ्री राशन ओर 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज भी देता है !_

*3 - मोदी ताली, थाली बजवाता है...*

_तो मोदी वैक्सीन भी बनवाता है !

*4 - मोदी दिये मोमबत्ती जलवाता है...*

_तो मोदी 18000 गांव में बिजली पहुंचाता है !_

*5 - मोदी स्टैचू आफ युनिटी बनवाता है...*

_तो मोदी वार मैमोरियल भी बनवाता है !_

*6 - मोदी भाजपा कार्यालय बनवाता है...*

_तो मोदी नया संसद भवन भी बनवाता है !_

*7 - मोदी रोहिंग्याओ को भगाता है...*

_तो मोदी कश्मीरी पण्डितो को बसाता है !_

*8 - मोदी 10 लाख का सूट बूट पहनता है...*

_तो उनकी निलामी करके सारा पैसा चैरीटी भी करता है !_

*9 - मोदी राफेल खरिदता है...*

_तो मोदी ब्रहम्मोस बेचता भी है  !

*10 - मोदी तेजस को PPP माडल पे चलाता है...*

_तो मोदी गतिमान ओर बुलेट ट्रेन भी चलाने को बोलता है  !_

*11 - मोदी कुछ स्टेशन PPP माडल पर करता है...*

_तो डेडीकेटेड़ फ्रेट कारिड़ोर (DDFC) भी बनवाता है  !_

*12 - मोदी अगर टोल टैक्स वसूल करता है....*

_तो मोदी 14 लेन हाईवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे,अटल टनल, बोगीबिल‌ ब्रिज भी बनवाता है  !_

*13 - मोदी पैट्रोल-डिजल महंगा करता है...*

_तो मोदी ईरान का 43000 करोड़ भी चुकाता है          ओर आपात स्थिति के लिए फ्यूल रिजर्व सैन्टर भी बनाता है !_

*14 - मोदी सिलेंड़र महंगा करता है....*

_तो मोदी 7 करोड़ गरीबो को फ्री सिलेंडर भी देता है  !_

*15 - मोदी स्वच्छ भारत मिशन चलाता है....*

_तो मोदी 12 करोड़ शोचालय भी बनवाता है  !_

*16 - मोदी CAA, NRC, CAB लेके आता है....*

_तो मोदी पाकिस्तान विस्थापितो को भारत में बसाता है  !_

*17 - मोदी चाईना की कम्पनीयो को भगाता है....*

_तो मोदी आत्मनिर्भर भारत , मेक इन इंडिया भी लेके आता है  !_

*18 - मोदी नोटबंदी करता है...*

_तो मोदी डिजिटल पेमेंट, नयी करंसी लेके आता है  !_

*19 - मोदी चाईना की ऐप्स बंद करता है...*

_तो मोदी स्वदेसी नाविक सैटेलाईट लेकर आता है  !_

*20 - चाईना पाकिस्तान आंख दिखाता है...*

_तो मोदी डोकलाम, ओर सर्जिकल स्ट्राईक कराता है  !_

*21 - मोदी अगर खुद को हिंदू कहता है....*

_तो कांग्रेसियो,TMC को भी घाट-घाट,मंदिर-मंदिर घुमाता है  !_

*उपरोक्त तथ्यों में से कोई एक भी गलत है अथवा अतिशयोक्ति से भरा हुआ है तो आप को चैलेंज है कि साबित करें और गलती ढूंढ कर दिखाएं*

वरना मान लें कि

👉 *शताब्दियों बाद भारत को‌* *कोई सनातनी राजा मिला है*... 

*पैट्रोल -डीजल में बिक जायेंगे* *इतनी छोटी नही हस्ती हमारी*....

*बाकी जिसे विरोध करना है करने दीजिए:*

*ॐ - जरा बारिश तेज़ हुई तो* *लोग आसमान को दोष देते हैं* । 

*ॐ - लोगों को दुख दर्द मिलता है* *तो भगवान को दोष देते हैं*। 

*ॐ - नाकामयाब होते हैं तो किस्मत को दोष देते हैं। 

ॐ - जमीन जायदाद कम मिलती है तो माँ बाप को दोष देते हैं

फिर मोदी जी तो  इंसान ही है* 🙏

9हमारा राष्ट्र हमारी जिम्मेदारी 

🤝जन-जन की हो भागीदारी 

🐚मेरा धर्म मेरा गर्व मेरा अभिमान

🚩सनातन बचाऔ, सनातन बढ़ाओ 

🙏🙏 अगर सहमत तो आप इस सन्देश को अपनो को भेजिए और हिंदुत्व के सच्चे सारथी बनिये - 🙏🙏

उत्तर प्रदेश में योगी जी को मुख्यमंत्री बनाना बहुत जरूरी है और भारत में प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी जी की बहुत आवश्यकता है🌹👆

🙏🌹* नर सेवा। नारायण सेवा।।

मंगलवार, 9 नवंबर 2021

विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियों द्वारा किया गया अनुसंधान)


■ काष्ठा = सैकन्ड का  34000 वाँ भाग

■ 1 त्रुटि  = सैकन्ड का 300 वाँ भाग

■ 2 त्रुटि  = 1 लव ,

■ 1 लव = 1 क्षण

■ 30 क्षण = 1 विपल ,

■ 60 विपल = 1 पल

■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,

■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )

■3 होरा=1प्रहर व 8 प्रहर 1 दिवस (वार)

■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,

■ 7 दिवस = 1 सप्ताह

■ 4 सप्ताह = 1 माह ,

■ 2 माह = 1 ऋतू

■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,

■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी

■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,

■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग

■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,

■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,

■ 4 युग = सतयुग

■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग

■ 72 महायुग = मनवन्तर ,

■ 1000 महायुग = 1 कल्प

■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )

■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )

■ महालय  = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )

सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यहीं है जो हमारे देश भारत में बना हुआ है । ये हमारा भारत जिस पर हमे गर्व होना चाहिये l

दो लिंग : नर और नारी ।

दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।

दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन।

तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।

तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।

तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल।

तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।

तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु।

तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत।

तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा।

तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव।

तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी।

तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान।

तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना।

तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।

तीन शक्ति : इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

चार धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।

चार मुनि : सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।

चार वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।

चार निति : साम, दाम, दंड, भेद।

चार वेद : सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।

चार स्त्री : माता, पत्नी, बहन, पुत्री।

चार युग : सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।

चार समय : सुबह, शाम, दिन, रात।

चार अप्सरा : उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।

चार गुरु : माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।

चार प्राणी : जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।

चार जीव : अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।

चार वाणी : ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।

चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।

चार भोज्य : खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।

चार पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।

चार वाद्य : तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

पाँच तत्व : पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।

पाँच देवता : गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।

पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।

पाँच कर्म : रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।

पाँच  उंगलियां : अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।

पाँच पूजा उपचार : गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।

पाँच अमृत : दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।

पाँच प्रेत : भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।

पाँच स्वाद : मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।

पाँच वायु : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।

पाँच इन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।

पाँच वटवृक्ष : सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।

पाँच पत्ते : आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।

पाँच कन्या : अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

छ: ॠतु : शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।

छ: ज्ञान के अंग : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।

छ: कर्म : देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।

छ: दोष : काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच),  मोह, आलस्य।

सात छंद : गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।

सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।

सात सुर : षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।

सात चक्र : सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।

सात वार : रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।

सात मिट्टी : गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।

सात महाद्वीप : जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।

सात ॠषि : वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।

सात ॠषि : वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।

सात धातु (शारीरिक) : रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।

सात रंग : बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।

सात पाताल : अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।

सात पुरी : मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।

सात धान्य : उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।

आठ मातृका : ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।

आठ लक्ष्मी : आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।

आठ वसु : अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।

आठ सिद्धि : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।

आठ धातु : सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।

नवदुर्गा : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।

नवग्रह : सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।

नवरत्न : हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।

नवनिधि : पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।

दस महाविद्या : काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।

दस दिशाएँ : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।

दस दिक्पाल : इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।

दस अवतार (विष्णुजी) : मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।

दस सति : सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।

*उक्त जानकारी शास्त्रोक्त 📚 आधार पर...

     ऐसी जानकारी बार-बार नहीं आती, और आगे भेजें, ताकि लोगों को सनातन धर्म की जानकारी हो  सके आपका आभार धन्यवाद होगा

1-अष्टाध्यायी               पाणिनी

2-रामायण                    वाल्मीकि

3-महाभारत                  वेदव्यास

4-अर्थशास्त्र                  चाणक्य

5-महाभाष्य                  पतंजलि

6-सत्सहसारिका सूत्र      नागार्जुन

7-बुद्धचरित                  अश्वघोष

8-सौंदरानन्द                 अश्वघोष

9-महाविभाषाशास्त्र        वसुमित्र

10- स्वप्नवासवदत्ता        भास

11-कामसूत्र                  वात्स्यायन

12-कुमारसंभवम्           कालिदास

13-अभिज्ञानशकुंतलम्    कालिदास  

14-विक्रमोउर्वशियां        कालिदास

15-मेघदूत                    कालिदास

16-रघुवंशम्                  कालिदास

17-मालविकाग्निमित्रम्   कालिदास

18-नाट्यशास्त्र              भरतमुनि

19-देवीचंद्रगुप्तम          विशाखदत्त

20-मृच्छकटिकम्          शूद्रक

21-सूर्य सिद्धान्त           आर्यभट्ट

22-वृहतसिंता               बरामिहिर

23-पंचतंत्र।                  विष्णु शर्मा

24-कथासरित्सागर        सोमदेव

25-अभिधम्मकोश         वसुबन्धु

26-मुद्राराक्षस               विशाखदत्त

27-रावणवध।              भटिट

28-किरातार्जुनीयम्       भारवि

29-दशकुमारचरितम्     दंडी

30-हर्षचरित                वाणभट्ट

31-कादंबरी                वाणभट्ट

32-वासवदत्ता             सुबंधु

33-नागानंद                हर्षवधन

34-रत्नावली               हर्षवर्धन

35-प्रियदर्शिका            हर्षवर्धन

36-मालतीमाधव         भवभूति

37-पृथ्वीराज विजय     जयानक

38-कर्पूरमंजरी            राजशेखर

39-काव्यमीमांसा         राजशेखर

40-नवसहसांक चरित   पदम् गुप्त

41-शब्दानुशासन         राजभोज

42-वृहतकथामंजरी      क्षेमेन्द्र

43-नैषधचरितम           श्रीहर्ष

44-विक्रमांकदेवचरित   बिल्हण

45-कुमारपालचरित      हेमचन्द्र

46-गीतगोविन्द            जयदेव

47-पृथ्वीराजरासो         चंदरवरदाई

48-राजतरंगिणी           कल्हण

49-रासमाला               सोमेश्वर

50-शिशुपाल वध          माघ

51-गौडवाहो                वाकपति

52-रामचरित                सन्धयाकरनंदी

53-द्वयाश्रय काव्य         हेमचन्द्र

वेद-ज्ञान:-

प्र.1-  वेद किसे कहते है ?

उत्तर-  ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है।

प्र.2-  वेद-ज्ञान किसने दिया ?

उत्तर-  ईश्वर ने दिया।

प्र.3-  ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?

उत्तर-  ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया।

प्र.4-  ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?

उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण  के लिए।

प्र.5-  वेद कितने है ?

उत्तर- चार ।                                                  

1-ऋग्वेद  

2-यजुर्वेद  

3-सामवेद

4-अथर्ववेद

प्र.6-  वेदों के ब्राह्मण ।

        वेद              ब्राह्मण

1 - ऋग्वेद      -     ऐतरेय

2 - यजुर्वेद      -     शतपथ

3 - सामवेद     -    तांड्य

4 - अथर्ववेद   -   गोपथ

प्र.7-  वेदों के उपवेद कितने है।

उत्तर -  चार।

      वेद                     उपवेद

    1- ऋग्वेद       -     आयुर्वेद

    2- यजुर्वेद       -    धनुर्वेद

    3 -सामवेद      -     गंधर्ववेद

    4- अथर्ववेद    -     अर्थवेद

प्र 8-  वेदों के अंग हैं ।

उत्तर -  छः ।

1 - शिक्षा

2 - कल्प

3 - निरूक्त

4 - व्याकरण

5 - छंद

6 - ज्योतिष

प्र.9- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने किन किन ऋषियो को दिया ?

उत्तर- चार ऋषियों को।

         वेद                ऋषि

1- ऋग्वेद         -      अग्नि

2 - यजुर्वेद       -       वायु

3 - सामवेद      -      आदित्य

4 - अथर्ववेद    -     अंगिरा

प्र.10-  वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया ?

उत्तर- समाधि की अवस्था में।

प्र.11-  वेदों में कैसे ज्ञान है ?

उत्तर-  सब सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान।

प्र.12-  वेदो के विषय कौन-कौन से हैं ?

उत्तर-   चार ।

        ऋषि        विषय

1-  ऋग्वेद    -    ज्ञान

2-  यजुर्वेद    -    कर्म

3-  सामवे     -    उपासना

4-  अथर्ववेद -    विज्ञान

प्र.13-  वेदों में।

ऋग्वेद में।

1-  मंडल      -  10

2 - अष्टक     -   08

3 - सूक्त        -  1028

4 - अनुवाक  -   85 

5 - ऋचाएं     -  10589

यजुर्वेद में।

1- अध्याय    -  40

2- मंत्र           - 1975

सामवेद में।

1-  आरचिक   -  06

2 - अध्याय     -   06

3-  ऋचाएं       -  1875

अथर्ववेद में।

1- कांड      -    20

2- सूक्त      -   731

3 - मंत्र       -   5977

प्र.14-  वेद पढ़ने का अधिकार किसको है ?                                                                                                                     उत्तर-  मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है।

प्र.15-  क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है ?

उत्तर-  बिलकुल भी नहीं।

प्र.16-  क्या वेदों में अवतारवाद का प्रमाण है ?

उत्तर-  नहीं।

प्र.17-  सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

उत्तर-  ऋग्वेद।

प्र.18-  वेदों की उत्पत्ति कब हुई ?

उत्तर-  वेदो की उत्पत्ति सृष्टि के आदि से परमात्मा द्वारा हुई । अर्थात 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 43 हजार वर्ष पूर्व । 

प्र.19-  वेद-ज्ञान के सहायक दर्शन-शास्त्र ( उपअंग ) कितने हैं और उनके लेखकों का क्या नाम है ?

उत्तर- 

1-  न्याय दर्शन  - गौतम मुनि।

2- वैशेषिक दर्शन  - कणाद मुनि।

3- योगदर्शन  - पतंजलि मुनि।

4- मीमांसा दर्शन  - जैमिनी मुनि।

5- सांख्य दर्शन  - कपिल मुनि।

6- वेदांत दर्शन  - व्यास मुनि।

प्र.20-  शास्त्रों के विषय क्या है ?

उत्तर-  आत्मा,  परमात्मा, प्रकृति,  जगत की उत्पत्ति,  मुक्ति अर्थात सब प्रकार का भौतिक व आध्यात्मिक  ज्ञान-विज्ञान आदि।

प्र.21-  प्रामाणिक उपनिषदे कितनी है ?

उत्तर-  केवल ग्यारह।

प्र.22-  उपनिषदों के नाम बतावे ?

उत्तर-  

01-ईश ( ईशावास्य )  

02-केन  

03-कठ  

04-प्रश्न  

05-मुंडक  

06-मांडू  

07-ऐतरेय  

08-तैत्तिरीय 

09-छांदोग्य 

10-वृहदारण्यक 

11-श्वेताश्वतर ।


प्र.23-  उपनिषदों के विषय कहाँ से लिए गए है ?

उत्तर- वेदों से।

प्र.24- चार वर्ण।

उत्तर- 

1- ब्राह्मण

2- क्षत्रिय

3- वैश्य

4- शूद्र

प्र.25- चार युग।

1- सतयुग - 17,28000  वर्षों का नाम ( सतयुग ) रखा है।

2- त्रेतायुग- 12,96000  वर्षों का नाम ( त्रेतायुग ) रखा है।

3- द्वापरयुग- 8,64000  वर्षों का नाम है।

4- कलयुग- 4,32000  वर्षों का नाम है।

कलयुग के 5122  वर्षों का भोग हो चुका है अभी तक।

4,27024 वर्षों का भोग होना है। 

पंच महायज्ञ

       1- ब्रह्मयज्ञ   

       2- देवयज्ञ

       3- पितृयज्ञ

       4- बलिवैश्वदेवयज्ञ

       5- अतिथियज्ञ

स्वर्ग  -  जहाँ सुख है।

नरक  -  जहाँ दुःख है।.

*#भगवान_शिव के  "35" रहस्y

भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है।

*🔱1. आदिनाथ शिव : -* सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है।

*🔱2. शिव के अस्त्र-शस्त्र : -* शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था।

*🔱3. भगवान शिव का नाग : -* शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है।

*🔱4. शिव की अर्द्धांगिनी : -* शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं।

*🔱5. शिव के पुत्र : -* शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथा रोचक है।

*🔱6. शिव के शिष्य : -* शिव के 7 शिष्य हैं जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है। इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया जिसके चलते भिन्न-भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई। शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी। शिव के शिष्य हैं- बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज इसके अलावा 8वें गौरशिरस मुनि भी थे।

*🔱7. शिव के गण : -* शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है। 

*🔱8. शिव पंचायत : -* भगवान सूर्य, गणपति, देवी, रुद्र और विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते हैं।

*🔱9. शिव के द्वारपाल : -* नंदी, स्कंद, रिटी, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर और महाकाल।

*🔱10. शिव पार्षद : -* जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं उसी तरह बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी आदि शिव के पार्षद हैं।

*🔱11. सभी धर्मों का केंद्र शिव : -* शिव की वेशभूषा ऐसी है कि प्रत्येक धर्म के लोग उनमें अपने प्रतीक ढूंढ सकते हैं। मुशरिक, यजीदी, साबिईन, सुबी, इब्राहीमी धर्मों में शिव के होने की छाप स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। शिव के शिष्यों से एक ऐसी परंपरा की शुरुआत हुई, जो आगे चलकर शैव, सिद्ध, नाथ, दिगंबर और सूफी संप्रदाय में वि‍भक्त हो गई।

*🔱12. बौद्ध साहित्य के मर्मज्ञ अंतरराष्ट्रीय : -*  ख्यातिप्राप्त विद्वान प्रोफेसर उपासक का मानना है कि शंकर ने ही बुद्ध के रूप में जन्म लिया था। उन्होंने पालि ग्रंथों में वर्णित 27 बुद्धों का उल्लेख करते हुए बताया कि इनमें बुद्ध के 3 नाम अतिप्राचीन हैं- तणंकर, शणंकर और मेघंकर।

*🔱13. देवता और असुर दोनों के प्रिय शिव : -* भगवान शिव को देवों के साथ असुर, दानव, राक्षस, पिशाच, गंधर्व, यक्ष आदि सभी पूजते हैं। वे रावण को भी वरदान देते हैं और राम को भी। उन्होंने भस्मासुर, शुक्राचार्य आदि कई असुरों को वरदान दिया था। शिव, सभी आदिवासी, वनवासी जाति, वर्ण, धर्म और समाज के सर्वोच्च देवता हैं।

*🔱14. शिव चिह्न : -* वनवासी से लेकर सभी साधारण व्‍यक्ति जिस चिह्न की पूजा कर सकें, उस पत्‍थर के ढेले, बटिया को शिव का चिह्न माना जाता है। इसके अलावा रुद्राक्ष और त्रिशूल को भी शिव का चिह्न माना गया है। कुछ लोग डमरू और अर्द्ध चन्द्र को भी शिव का चिह्न मानते हैं, हालांकि ज्यादातर लोग शिवलिंग अर्थात शिव की ज्योति का पूजन करते हैं।

*🔱15. शिव की गुफा : -* शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए एक पहाड़ी में अपने त्रिशूल से एक गुफा बनाई और वे फिर उसी गुफा में छिप गए। वह गुफा जम्मू से 150 किलोमीटर दूर त्रिकूटा की पहाड़ियों पर है। दूसरी ओर भगवान शिव ने जहां पार्वती को अमृत ज्ञान दिया था वह गुफा 'अमरनाथ गुफा' के नाम से प्रसिद्ध है।

*🔱16. शिव के पैरों के निशान : -* श्रीपद- श्रीलंका में रतन द्वीप पहाड़ की चोटी पर स्थित श्रीपद नामक मंदिर में शिव के पैरों के निशान हैं। ये पदचिह्न 5 फुट 7 इंच लंबे और 2 फुट 6 इंच चौड़े हैं। इस स्थान को सिवानोलीपदम कहते हैं। कुछ लोग इसे आदम पीक कहते हैं।

रुद्र पद- तमिलनाडु के नागपट्टीनम जिले के थिरुवेंगडू क्षेत्र में श्रीस्वेदारण्येश्‍वर का मंदिर में शिव के पदचिह्न हैं जिसे 'रुद्र पदम' कहा जाता है। इसके अलावा थिरुवन्नामलाई में भी एक स्थान पर शिव के पदचिह्न हैं।

तेजपुर- असम के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित रुद्रपद मंदिर में शिव के दाएं पैर का निशान है।

जागेश्वर- उत्तराखंड के अल्मोड़ा से 36 किलोमीटर दूर जागेश्वर मंदिर की पहाड़ी से लगभग साढ़े 4 किलोमीटर दूर जंगल में भीम के पास शिव के पदचिह्न हैं। पांडवों को दर्शन देने से बचने के लिए उन्होंने अपना एक पैर यहां और दूसरा कैलाश में रखा था।

रांची- झारखंड के रांची रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर 'रांची हिल' पर शिवजी के पैरों के निशान हैं। इस स्थान को 'पहाड़ी बाबा मंदिर' कहा जाता है।

*🔱17. शिव के अवतार : -* वीरभद्र, पिप्पलाद, नंदी, भैरव, महेश, अश्वत्थामा, शरभावतार, गृहपति, दुर्वासा, हनुमान, वृषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, किरात, सुनटनर्तक, ब्रह्मचारी, यक्ष, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, द्विज, नतेश्वर आदि हुए हैं। वेदों में रुद्रों का जिक्र है। रुद्र 11 बताए जाते हैं- कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शंभू, चण्ड तथा भव।

*🔱18. शिव का विरोधाभासिक परिवार : -* शिवपुत्र कार्तिकेय का वाहन मयूर है, जबकि शिव के गले में वासुकि नाग है। स्वभाव से मयूर और नाग आपस में दुश्मन हैं। इधर गणपति का वाहन चूहा है, जबकि सांप मूषकभक्षी जीव है। पार्वती का वाहन शेर है, लेकिन शिवजी का वाहन तो नंदी बैल है। इस विरोधाभास या वैचारिक भिन्नता के बावजूद परिवार में एकता है।

*🔱19.*  ति‍ब्बत स्थित कैलाश पर्वत पर उनका निवास है। जहां पर शिव विराजमान हैं उस पर्वत के ठीक नीचे पाताल लोक है जो भगवान विष्णु का स्थान है। शिव के आसन के ऊपर वायुमंडल के पार क्रमश: स्वर्ग लोक और फिर ब्रह्माजी का स्थान है।

*🔱20.शिव भक्त : -* ब्रह्मा, विष्णु और सभी देवी-देवताओं सहित भगवान राम और कृष्ण भी शिव भक्त है। हरिवंश पुराण के अनुसार, कैलास पर्वत पर कृष्ण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की थी।

*🔱21.शिव ध्यान : -* शिव की भक्ति हेतु शिव का ध्यान-पूजन किया जाता है। शिवलिंग को बिल्वपत्र चढ़ाकर शिवलिंग के समीप मंत्र जाप या ध्यान करने से मोक्ष का मार्ग पुष्ट होता है।

*🔱22.शिव मंत्र : -* दो ही शिव के मंत्र हैं पहला- ॐ नम: शिवाय। दूसरा महामृत्युंजय मंत्र- ॐ ह्रौं जू सः। ॐ भूः भुवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌। स्वः भुवः भूः ॐ। सः जू ह्रौं ॐ ॥ है।

*🔱23.शिव व्रत और त्योहार : -* सोमवार, प्रदोष और श्रावण मास में शिव व्रत रखे जाते हैं। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि शिव का प्रमुख पर्व त्योहार है।

*🔱24.शिव प्रचारक : -* भगवान शंकर की परंपरा को उनके शिष्यों बृहस्पति, विशालाक्ष (शिव), शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज, अगस्त्य मुनि, गौरशिरस मुनि, नंदी, कार्तिकेय, भैरवनाथ आदि ने आगे बढ़ाया। इसके अलावा वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, बाण, रावण, जय और विजय ने भी शैवपंथ का प्रचार किया। इस परंपरा में सबसे बड़ा नाम आदिगुरु भगवान दत्तात्रेय का आता है। दत्तात्रेय के बाद आदि शंकराचार्य, मत्स्येन्द्रनाथ और गुरु गुरुगोरखनाथ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।

*🔱25.शिव महिमा : -* शिव ने कालकूट नामक विष पिया था जो अमृत मंथन के दौरान निकला था। शिव ने भस्मासुर जैसे कई असुरों को वरदान दिया था। शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था। शिव ने गणेश और राजा दक्ष के सिर को जोड़ दिया था। ब्रह्मा द्वारा छल किए जाने पर शिव ने ब्रह्मा का पांचवां सिर काट दिया था।

*🔱26.शैव परम्परा : -* दसनामी, शाक्त, सिद्ध, दिगंबर, नाथ, लिंगायत, तमिल शैव, कालमुख शैव, कश्मीरी शैव, वीरशैव, नाग, लकुलीश, पाशुपत, कापालिक, कालदमन और महेश्वर सभी शैव परंपरा से हैं। चंद्रवंशी, सूर्यवंशी, अग्निवंशी और नागवंशी भी शिव की परंपरा से ही माने जाते हैं। भारत की असुर, रक्ष और आदिवासी जाति के आराध्य देव शिव ही हैं। शैव धर्म भारत के आदिवासियों का धर्म है।

*🔱27.शिव के प्रमुख नाम : -*  शिव के वैसे तो अनेक नाम हैं जिनमें 108 नामों का उल्लेख पुराणों में मिलता है लेकिन यहां प्रचलित नाम जानें- महेश, नीलकंठ, महादेव, महाकाल, शंकर, पशुपतिनाथ, गंगाधर, नटराज, त्रिनेत्र, भोलेनाथ, आदिदेव, आदिनाथ, त्रियंबक, त्रिलोकेश, जटाशंकर, जगदीश, प्रलयंकर, विश्वनाथ, विश्वेश्वर, हर, शिवशंभु, भूतनाथ और रुद्र।

*🔱28.अमरनाथ के अमृत वचन : -* शिव ने अपनी अर्धांगिनी पार्वती को मोक्ष हेतु अमरनाथ की गुफा में जो ज्ञान दिया उस ज्ञान की आज अनेकानेक शाखाएं हो चली हैं। वह ज्ञानयोग और तंत्र के मूल सूत्रों में शामिल है। 'विज्ञान भैरव तंत्र' एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान शिव द्वारा पार्वती को बताए गए 112 ध्यान सूत्रों का संकलन है।

*🔱29.शिव ग्रंथ : -* वेद और उपनिषद सहित विज्ञान भैरव तंत्र, शिव पुराण और शिव संहिता में शिव की संपूर्ण शिक्षा और दीक्षा समाई हुई है। तंत्र के अनेक ग्रंथों में उनकी शिक्षा का विस्तार हुआ है।

*🔱30.शिवलिंग : -* वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में समस्त सृष्टि जिसमें लीन हो जाती है और पुन: सृष्टिकाल में जिससे प्रकट होती है, उसे लिंग कहते हैं। इस प्रकार विश्व की संपूर्ण ऊर्जा ही लिंग की प्रतीक है। वस्तुत: यह संपूर्ण सृष्टि बिंदु-नाद स्वरूप है। बिंदु शक्ति है और नाद शिव। बिंदु अर्थात ऊर्जा और नाद अर्थात ध्वनि। यही दो संपूर्ण ब्रह्मांड का आधार है। इसी कारण प्रतीक स्वरूप शिवलिंग की पूजा-अर्चना है।

*🔱31.बारह ज्योतिर्लिंग : -* सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ॐकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, विश्वनाथजी, त्र्यम्बकेश्वर, केदारनाथ, घृष्णेश्वर। ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति के संबंध में अनेकों मान्यताएं प्रचलित है। ज्योतिर्लिंग यानी 'व्यापक ब्रह्मात्मलिंग' जिसका अर्थ है 'व्यापक प्रकाश'। जो शिवलिंग के बारह खंड हैं। शिवपुराण के अनुसार ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग या ज्योति पिंड कहा गया है।

 दूसरी मान्यता अनुसार शिव पुराण के अनुसार प्राचीनकाल में आकाश से ज्‍योति पिंड पृथ्‍वी पर गिरे और उनसे थोड़ी देर के लिए प्रकाश फैल गया। इस तरह के अनेकों उल्का पिंड आकाश से धरती पर गिरे थे। भारत में गिरे अनेकों पिंडों में से प्रमुख बारह पिंड को ही ज्‍योतिर्लिंग में शामिल किया गया।

*🔱32.शिव का दर्शन : -* शिव के जीवन और दर्शन को जो लोग यथार्थ दृष्टि से देखते हैं वे सही बुद्धि वाले और यथार्थ को पकड़ने वाले शिवभक्त हैं, क्योंकि शिव का दर्शन कहता है कि यथार्थ में जियो, वर्तमान में जियो, अपनी चित्तवृत्तियों से लड़ो मत, उन्हें अजनबी बनकर देखो और कल्पना का भी यथार्थ के लिए उपयोग करो। आइंस्टीन से पूर्व शिव ने ही कहा था कि कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

*🔱33.शिव और शंकर : -* शिव का नाम शंकर के साथ जोड़ा जाता है। लोग कहते हैं- शिव, शंकर, भोलेनाथ। इस तरह अनजाने ही कई लोग शिव और शंकर को एक ही सत्ता के दो नाम बताते हैं। असल में, दोनों की प्रतिमाएं अलग-अलग आकृति की हैं। शंकर को हमेशा तपस्वी रूप में दिखाया जाता है। कई जगह तो शंकर को शिवलिंग का ध्यान करते हुए दिखाया गया है। अत: शिव और शंकर दो अलग अलग सत्ताएं है। हालांकि शंकर को भी शिवरूप माना गया है। माना जाता है कि महेष (नंदी) और महाकाल भगवान शंकर के द्वारपाल हैं। रुद्र देवता शंकर की पंचायत के सदस्य हैं।

*🔱34. देवों के देव महादेव :* देवताओं की दैत्यों से प्रतिस्पर्धा चलती रहती थी। ऐसे में जब भी देवताओं पर घोर संकट आता था तो वे सभी देवाधिदेव महादेव के पास जाते थे। दैत्यों, राक्षसों सहित देवताओं ने भी शिव को कई बार चुनौती दी, लेकिन वे सभी परास्त होकर शिव के समक्ष झुक गए इसीलिए शिव हैं देवों के देव महादेव। वे दैत्यों, दानवों और भूतों के भी प्रिय भगवान हैं। वे राम को भी वरदान देते हैं और रावण को भी।