शुक्रवार, 26 मार्च 2021

अजी हाँ! बिहार हूँ मैं

चाणक्य की नीति हूँ , आर्यभट्ट का आविष्कार हूँ मैं ।

महावीर की तपस्या हूँ , बुद्ध का अवतार हूँ मैं।

अजी हाँ! बिहार हूँ मैं।।

सीता की भूमि हूँ , विद्यापति का संसार हूँ मैं।

जनक की नगरी हूँ, माँ गंगा का श्रंगार हूँ मैं।

अजी हाँ! बिहार हूँ मैं।।

चंद्रगुप्त का साहस हूँ , अशोक की तलवार हूँ मैं।

बिंदुसार का शासन हूँ , मगध का आकार हूँ मैं।

अजी हाँ! बिहार हूँ मैं।।

दिनकर की कविता हूँ, रेणु का सार हूँ मैं।

नालंदा का ज्ञान हूँ, पर्वत मन्धार हूँ मैं।

अजी हाँ! बिहार हूँ मैं।

वाल्मिकी की रामायण हूँ, मिथिला का संस्कार हूँ मैं पाणिनी का व्याकरण हूँ , ज्ञान का भण्डार हूँ मैं।

अजी हाँ! बिहार हूँ मैं।

राजेन्द्र का सपना हूँ, गांधी की हुंकार हूँ मैं।

गोविंद सिंह का तेज हूँ , कुंवर सिंह की ललकार हूँ मैं।

अजी हाँ! बिहार हूँ मैं।।

जय बिहार जय मिथला