आखिर मिथिला राज्य कियैक , एक नजर देल जाओ
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मिथिला राज्य पर चर्चा करय छी त बहुत लोक पुछि दैत छथि कि मिथिला राज्य बनने की फायदा होयत । हमर प्रथम उत्तर रहैत अछि जे हम मिथिला राज्य अपन कोनो फायदा लेल नहि चाहि रहल छी, अपन पहचान "हम मैथिल छी".... हासिल करय लेल चाहि रहल छी कियैकि हम अपना के बिहारी कहबेनाई में शर्म महसूस करय छी ।
.किछु बिंदु पर ध्यान आकर्षित करय चाहब जे मिथिला राज्य बनने की की भय सकैत अछि:-
.1. सबसँ पहिले एकटा अपन राजधानी बनत जतय सँ मिथिलाक लोक, मिथिलाक समस्याक समाधान हेतु काज करता ।
.2. कम सँ कम एकटा हवाई अड्डा भेटत मिथिला में आ एकरा दू, आ फेर चारि करयलेल ककरो लग भीख नहि मांगय पड़त।
.3. हमहूं सब राजधानी, शताब्दी आ दूरन्तो ट्रेन सँ गाम आबि सकब । मजदूर जकां जनसाधारण आ मेल में ठुँसाकय नहि आबय पड़त सदखनि ।
4. देश के हर राज्य में एकटा मिथिला भवन आधिकारिक रूप सँ बनत आ हम सब मैथिल के रुप में पहचानल जायब। मिथिला भवन वा मैथिल सबलेल एकटा भवन लेल सबठाम सरकार के आगूपाछू नहि करय पड़त ।
.5. कम सँ कम एकटा केन्द्रीय विश्वविद्यालय भेटत मिथिला के......विद्यालय आ विश्वविद्यालय के त गिनती नहि कतेक.. अपन शिक्षा आ ज्ञान लेल विश्वविख्यात मिथिला एकबेर पुन: विश्व में अपन परचम लहराओत.
.6. बाढ़ि, आगि, रौदीक सब समस्या लेल मैथिल अपना हिसाब सँ कानून आ समाधान ताकि सकता । अपन मिथिला छ महीना बाढ़ि में, तीन महीना रौदी में रहलाक बावजूद भुखल ककरो नहि मरय दैत अछि, ई Management दुनिया लेल एकटा आविष्कार सिद्ध भय सकैत अछि । हजारों तरहक लघु, मध्यम आ उच्च उद्योग सँ लाखों रोजगार उपलब्ध भय सकत मिथिला में.....
.7. हम सब अपन भाषा "मैथिली" में पढ़ि सकब आ शान सँ मैथिलीके राजभाषा लिख सकब। मैथिली में हजारों लोक के रोजगार भेटत आ देश के हर विश्वविद्यालय में एकटा भाषा मैथिली सेहो जोड़ल जायत ।
.8. देश में सब जगह केवल मैथिली अकादमी बना सकब।मैथिली भाषा आ साहित्य के अपन स्थान भेटत वैश्विक मानचित्र पर.... भोजपुरी, मगही साथे नहि रहय पड़त मैथिली के।
.9. पर्यटन आ एतिहासिक धरोहर के संरक्षण लेल हर तरह सँ निर्णय लेबय लेल स्वतंत्र रहब हम मैथिल , अपन मिथिला राज्य बनलापर।
.10. एखन पूरा मिथिला में मात्र 30% मैथिल विभिन्न सरकारी पद पर छथि, अपन अलग राज्य बनलापर 80% मैथिल विभिन्न सरकारी वा गैरसरकारी पद पर रोजगार प्राप्त करता।
.11. सबसँ पैघ बात जहिपर लोक के आश्चर्य लगैत अछि , लोक पुछय छथि कि मिथिला राज्य बनियो गेल त चलत कोना .....ओकर जवाब......एकटा समय रहय जहिया जवाहर लाल नेहरु नंगटे भागैत रहथि......हमहीं मैथिल रही जे हुनका धोती देने रही...। आगा जाकय ओ देश चला लेला.....त हमसब अपन मिथिला नि:संदेह चलायब आ एकटा मिसाल बनब देश के बाकी राज्य लेल।
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जय मिथिला
जय जय मैथिल
www.maithilmanch.com
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मिथिला राज्य पर चर्चा करय छी त बहुत लोक पुछि दैत छथि कि मिथिला राज्य बनने की फायदा होयत । हमर प्रथम उत्तर रहैत अछि जे हम मिथिला राज्य अपन कोनो फायदा लेल नहि चाहि रहल छी, अपन पहचान "हम मैथिल छी".... हासिल करय लेल चाहि रहल छी कियैकि हम अपना के बिहारी कहबेनाई में शर्म महसूस करय छी ।
.किछु बिंदु पर ध्यान आकर्षित करय चाहब जे मिथिला राज्य बनने की की भय सकैत अछि:-
.1. सबसँ पहिले एकटा अपन राजधानी बनत जतय सँ मिथिलाक लोक, मिथिलाक समस्याक समाधान हेतु काज करता ।
.2. कम सँ कम एकटा हवाई अड्डा भेटत मिथिला में आ एकरा दू, आ फेर चारि करयलेल ककरो लग भीख नहि मांगय पड़त।
.3. हमहूं सब राजधानी, शताब्दी आ दूरन्तो ट्रेन सँ गाम आबि सकब । मजदूर जकां जनसाधारण आ मेल में ठुँसाकय नहि आबय पड़त सदखनि ।
4. देश के हर राज्य में एकटा मिथिला भवन आधिकारिक रूप सँ बनत आ हम सब मैथिल के रुप में पहचानल जायब। मिथिला भवन वा मैथिल सबलेल एकटा भवन लेल सबठाम सरकार के आगूपाछू नहि करय पड़त ।
.5. कम सँ कम एकटा केन्द्रीय विश्वविद्यालय भेटत मिथिला के......विद्यालय आ विश्वविद्यालय के त गिनती नहि कतेक.. अपन शिक्षा आ ज्ञान लेल विश्वविख्यात मिथिला एकबेर पुन: विश्व में अपन परचम लहराओत.
.6. बाढ़ि, आगि, रौदीक सब समस्या लेल मैथिल अपना हिसाब सँ कानून आ समाधान ताकि सकता । अपन मिथिला छ महीना बाढ़ि में, तीन महीना रौदी में रहलाक बावजूद भुखल ककरो नहि मरय दैत अछि, ई Management दुनिया लेल एकटा आविष्कार सिद्ध भय सकैत अछि । हजारों तरहक लघु, मध्यम आ उच्च उद्योग सँ लाखों रोजगार उपलब्ध भय सकत मिथिला में.....
.7. हम सब अपन भाषा "मैथिली" में पढ़ि सकब आ शान सँ मैथिलीके राजभाषा लिख सकब। मैथिली में हजारों लोक के रोजगार भेटत आ देश के हर विश्वविद्यालय में एकटा भाषा मैथिली सेहो जोड़ल जायत ।
.8. देश में सब जगह केवल मैथिली अकादमी बना सकब।मैथिली भाषा आ साहित्य के अपन स्थान भेटत वैश्विक मानचित्र पर.... भोजपुरी, मगही साथे नहि रहय पड़त मैथिली के।
.9. पर्यटन आ एतिहासिक धरोहर के संरक्षण लेल हर तरह सँ निर्णय लेबय लेल स्वतंत्र रहब हम मैथिल , अपन मिथिला राज्य बनलापर।
.10. एखन पूरा मिथिला में मात्र 30% मैथिल विभिन्न सरकारी पद पर छथि, अपन अलग राज्य बनलापर 80% मैथिल विभिन्न सरकारी वा गैरसरकारी पद पर रोजगार प्राप्त करता।
.11. सबसँ पैघ बात जहिपर लोक के आश्चर्य लगैत अछि , लोक पुछय छथि कि मिथिला राज्य बनियो गेल त चलत कोना .....ओकर जवाब......एकटा समय रहय जहिया जवाहर लाल नेहरु नंगटे भागैत रहथि......हमहीं मैथिल रही जे हुनका धोती देने रही...। आगा जाकय ओ देश चला लेला.....त हमसब अपन मिथिला नि:संदेह चलायब आ एकटा मिसाल बनब देश के बाकी राज्य लेल।
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