tag:blogger.com,1999:blog-4844996230475248958.post54555571002919902..comments2024-03-01T10:35:20.112+05:30Comments on अपन गाम अपन बात: आब नै चुप रहव - चल्लू डेल्ही apan gaam apan bathttp://www.blogger.com/profile/02500129398040564721noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4844996230475248958.post-34146741460276342622013-11-22T11:48:04.662+05:302013-11-22T11:48:04.662+05:30-----------------|| अप्पन एक नजैर ||--------------...-----------------|| अप्पन एक नजैर ||------------------<br /><br />**भारत म पूजै जाय वाली माता सितो विदेशी छल्खिन :- हरीश रावत"**<br /><br />आब रावत जी या तह आन धर्मक छैथ जे उनका सीता माँक संदर्भम ज्ञान नञ छैन नञ तह अपने ओ आन देश सौ आय्बक भारतम बसल छैथ | उन्कर गप्प सुइनक तह एहा लागैत अछि जे हुन्का प्राचीनककी आधुनिको भारत केर विषयम ज्ञान नञ हेतैन |<br /><br />एतह देखेक गप्प ई अछि जे केता ओ बिहारी सब छैथ जे अप्पन संस्कृतिक पर गर्व करै छैथ | की माँ सीता खाली मिथिलेक छथिन , बिहारक नञ जे उन्क्कर खून खौले छैथ, या भारतक नञ जे खाली रामक नाम हंगामा करैत छैथ माँ सीताक नाम पर नञ | धिक्कार अछि एनका सब पर जे खाली संस्कृति औ धर्मक नाम पर डाइलोगबाजी औ ड्रामा करैत छैथ |<br /><br />बिहारक नेता सबक़ तह बुझै छि जे कोनो फरक उनका पर नञ पर्तैन मुद्दा केता च्चैठ नमोक जाप करे वाला सब, केता छैथ औ वाला सब खाली रामक नाम पर चंदा काटैई छैथ |<br /><br />=========================<br />अहाँ सब सौ एकेत्ता आग्रह जे :- <br />=========================<br />दिल्ली और राष्ट्रिय राजधानी परिक्षेत्र के हर मैथिल आ मिथिला लेल कार्यरत संस्था स आवाहन जे नीचा देल स्थान पर जरूर आबी आ माँ मैथिली के गरियबै बला के जोरदार ढंग स विरोध करी।<br />स्थान:-<br />कॉफ़ी हाउस, कनॉट प्लेस<br />24 नवम्बर<br />दिन के 2 बजे।<br />===========================================<br /><br />जानकी -मंगल / तुलसीदास<br />(सीता - स्तुति)<br /><br />भई प्रगट कुमारी भूमि-विदारी जन हितकारी भयहारी।<br />अतुलित छबि भारी मुनि-मनहारी जनकदुलारी सुकुमारी।।<br /><br />सुन्दर सिंहासन तेहिं पर आसन कोटि हुताशन द्युतिकारी।<br />सिर छत्र बिराजै सखि संग भ्राजै निज -निज कारज करधारी।।<br /><br />सुर सिद्ध सुजाना हनै निशाना चढ़े बिमाना समुदाई।<br />बरषहिं बहुफूला मंगल मूला अनुकूला सिय गुन गाई।।<br /><br />देखहिं सब ठाढ़े लोचन गाढ़ें सुख बाढ़े उर अधिकाई।<br />अस्तुति मुनि करहीं आनन्द भरहीं पायन्ह परहीं हरषाई ।।<br /><br />ऋषि नारद आये नाम सुनाये सुनि सुख पाये नृप ज्ञानी।<br />सीता अस नामा पूरन कामा सब सुखधामा गुन खानी।।<br /><br />सिय सन मुनिराई विनय सुनाई सतय सुहाई मृदुबानी।<br />लालनि तन लीजै चरित सुकीजै यह सुख दीजै नृपरानी।।<br /><br />सुनि मुनिबर बानी सिय मुसकानी लीला ठानी सुखदाई।<br />सोवत जनु जागीं रोवन लागीं नृप बड़भागी उर लाई।।<br /><br />दम्पति अनुरागेउ प्रेम सुपागेउ यह सुख लायउँ मनलाई।<br />अस्तुति सिय केरी प्रेमलतेरी बरनि सुचेरी सिर नाई।।<br /><br />दोहा- निज इच्छा मखभूमि ते प्रगट भईं सिय आय।<br />चरित किये पावन परम बरधन मोद निकाय।।<br /><br />(इति जानकी-मंगल)<br /><br />अपने क अहाँ सब टेग (TAG) करू, लाइक (LIKE) करू और शेयर (SHARE) करू |<br /><br />|| जय मिथिला ... जय मैथिली ... जय मैथिल समाज ||<br /><br />http://www.facebook.com/photo.php?fbid=602748953093573&set=a.534123106622825.1073741826.534107469957722&type=1&theater&notif_t=photo_comment_taggedCHANDAN KUMARhttps://www.blogger.com/profile/06680747237863760784noreply@blogger.com