dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

मातृभाषा दिवश

मातृभाषा दिवशकेँ शुभ अवसर पर देश विदेशमे रहयवाला सभ भाषा–भाषी मित्र लोकनिमे हार्दिक मंगलमय शुभकामना व्यक्त करैत छी । अपन मातृभाषाकेँ बचाएब हमरासभक परम कर्तव्य अछि 


21 फरवरी के मनाबु अप्पन 'मातृ भाषा दिवस'
मिथिला धरोहर : 21 फरवरी यानी कि मातृ भाषा दिवस .. अंहा मे सँ बहुते कम लोग के पता होयत कि आय कोन दिन अछि। आधहा सँ ज्यादा लोग के तऽ फरवरी खाली वैलेंनटाइन डे कs लेल याद रहैत अछि।
आय के दिन अपन माँ भाषा के सेलिब्रेट करैय के अछि। आय के दिन अंहा अपन मातृ भाषा चाहे मैथिलि, अंगिका, भोजपुरी, मगही, वजिजका, जे भी होय ओकरा सेलिब्रेट कऽ सकय छि। कियाकि विविध भाषा के अय मोति के पिरोये कऽ भारत देशक एकता के माला बनय अछि, जय मे प्रेमक धागा होयत अछि।
हिंदी दिवस : हर हिंदुस्तानी के आवाज हिंदी..
मुदा बदलैत परिवेश मे जतय आय लोग के लेल वक्त नय अछि ओतय आय लोग सव भाषा के खिचड़ी कऽ देलक अछि। अंहा अपन आस-पासक लोगक बात पर गौर करव तऽ अंहा पैव जे आय शायदे ही कुनो एहन पुरूष औऱ महिला हैत जे कि शुद्ध भाषा के प्रयोग करैत होयत..जेना कि हिंदी बाजैत समय अंग्रेजी के प्रयोग, मैथिलि बाजैत हिंदी आ इंग्लिश शब्दक प्रयोग।
आय तऽ लोग महिलाओं सँ बात करैत कहैत अछि. आप खा रहे हो..या फेर बड़े सँ बात करैत समयो तू-तड़ाके क प्रयोग करैत अछि जेना कि तू खा ले, आप निकलो वगैरह..वगैरह।
दोसर अहम बात जे आय-काइल हर जगह अछि ओ अछि अंग्रेजी के बोलबाला। भौतिकतावादी युग मे स्टेटस मेंटेन करय के चक्कर मे हम विदेशी भाषा के तऽ तेजी सँ अपना रहल छि कियाकि इ बेहद जरूरी अछि, मुदा अपन पहचान ऑउर अपन मातृभाषा के बिसरैत जा रहल छि।
आय अगर मिथिलांचल दंपति दिल्ली, पुणे ऑउर बैंगलोर मे रहैत अछि तऽ हुनका बच्चा के मैथिलि नय आवैत अछि कियाकि ओ अपन बच्चा के कखनो मैथिलि बाजनय सिखेवे नय केलक, अगर बच्चा कखनो काल नकल करैतो अछि तऽ डांट-फटकार परैत अछि कियाकि हुनका लागैत यऽ जे कि हमर बच्चा मातृभाषा सीखे कs की करत ओकरा अंग्रेजी एवा चाहि कियाकि इहे सँ ओ स्मार्ट कहलैत जहनकि अपन क्षेत्रीय भाषा बाइज के पिछडल लागत।
इ सवटा लोगक ग्रसित मानसिकता कऽ सबूत अछि जेकर कारणे आय हमार क्षेत्रीय भाषा के ओ बढ़ावा नय मिलैत अछ जे कि अंग्रेजी कs मिल रहल अछ। हम देशक आन-बान ऑउर शानक बरकरार राखय के लेल कसम तऽ खाइत छि मुदा की मातृभाषा के अनदेखा कऽ के हम वाकई मऽ अपन सप्पत निभा रहल छि।
जय  मैथिलि  जय  मिथिला 

बुधवार, 11 फ़रवरी 2015


 प्रस्तावित झंझारपुर जिला में जनवितरण प्रणाली के भ्रष्टाचार आ धांधली स आब जनता त्रस्त भा गेल अछि .
     बार-बार चेतावनी आओर प्रसाशन सं गुहार लगेला के वाबजूद प्रसासन द्वारा दोषी पर कुनू करबाइ नैय कयल जा रहल अछि .....बुझना जाइत अछि जे प्रसासन आओर डीलर दुन्नुक मिलीभगत सं गरीब जनताक हक मारल जा रहला अछि I मिथिला स्टूडेंट यूनियन आब गरीब मैथिल जनताक लड़ाई लड़त I 12 फरवरी सं भ्रष्टाचार के खिलाप जन आंदोलन करत I
 

   आमरण अनशन 12 फरवरी सं झंझारपुर अनुमंडल कार्यालय के सामने मिथिला स्टूडेंट यूनियन के मधुबनी जिला संयोजक कीर्ति मंडल केर नेतृत्व में कड़त I 
     अपने सब मिथिलावासी सं अनुरोध भारी संख्या में पहुँच अहि यज्ञ में भाग ल सफल बनाबी


डीलरक किरदानी 
गाम गाम में शोर भेल अछि , 
डीलर अछि बेईमान 
सभक मुँहे सुनि रहल छी, 
डीलर अछि शैतान
लाबै छथि राशन जनता के नाम पर
आ तुरंत विदा भ जाइत छथि दुकान पर
दूकानदार सँ कनफुसकी क' क'
दस बजे रातुक समय द' क'
सुन दलान देखि अबीह' बौआ
एकटा बड़का बोड़ा ल' क'
पाई नगद तू लेने अबीह'
दाम में नै तू घिच - पिच करिह'
कियाक त' गारिक हार हमहि पहिरै छी
जनता के श्राप हमहि लैत छी
हाकिम के घुस हमहि दैत छी
तैयो हम चोरे कहबै छी
गौंआँ के बुरबक बनाबी
अपने हम हाकिम कहाबी
सब कियो आगा पाछा करैया
घुस में पान तमाकुल दइया
तैयो हम करै छी मनमानी
ककरो कोनो बात नै मानी
दस बोड़ा हम चीनी रखने
तोरे सब के लेल
बाँकी जे दू बोड़ा बाँचत
जनता के ठकी लेब
गाम में दस टा मुँहगर कनगर
मुंह तकर हम भरबै
बाँकी सब ठाम झूठ बाजी क'
चोरी हमहि करबै
अगिला खेपी तेल आनब
तू तखनहि रहिह' सचेत
रस्ते में तू ठाढ़ रहिह' पाई टीन समेत
गाम पर अनिते देरी
भ' जाइया हेरा फेरी
मुखिया जी बदमाशी करैया
टीन झोरा ल' एतय अबैया
दस किलो चीनी आ तेल
ओकरो मंगनी देबय पड़ैया
मुदा दस किलो चीनी आ तेल पर
मुखहिया जी सकदम
टकरा बाद जे मोन करैया
करै छी अपने मन
टकरा बाद किरानी सबके
झूठ बाजी छी हमहि ठकने
लोक सब हमर किरदानी के
महीना में दस टा दैत अछि दरखास
जा गांधी (पांच सौ ) द' आफिसर के
तुरंत करा दैत छी बरखास
घुसक छैक एखन जमाना
तेन ने हम छी बनल दिबाना
चारि साल धरि कहुना कहुना
ई कोटा चलि जाएत
पाँचम साल बुझह
सीमेंट जोड़ी दू तल्ला पिटायत
बेसी तोरा की कहिय'
एहि में घर बैसल बड्ड नफ्फा
मुदा आशीर्वाद में कखनो
घर घरायण सब सफ्फा 

(१९९२ के डायरी सँ )
Sanjay Jha


डीलरक किरदानी


डीलरक किरदानी 


गाम गाम में शोर भेल अछि , 
डीलर अछि बेईमान 
सभक मुँहे सुनि रहल छी, 
डीलर अछि शैतान
लाबै छथि राशन जनता के नाम पर
आ तुरंत विदा भ जाइत छथि दुकान पर
दूकानदार सँ कनफुसकी क' क'
दस बजे रातुक समय द' क'
सुन दलान देखि अबीह' बौआ
एकटा बड़का बोड़ा ल' क'
पाई नगद तू लेने अबीह'
दाम में नै तू घिच - पिच करिह'
कियाक त' गारिक हार हमहि पहिरै छी
जनता के श्राप हमहि लैत छी
हाकिम के घुस हमहि दैत छी
तैयो हम चोरे कहबै छी
गौंआँ के बुरबक बनाबी
अपने हम हाकिम कहाबी
सब कियो आगा पाछा करैया
घुस में पान तमाकुल दइया
तैयो हम करै छी मनमानी
ककरो कोनो बात नै मानी
दस बोड़ा हम चीनी रखने
तोरे सब के लेल
बाँकी जे दू बोड़ा बाँचत
जनता के ठकी लेब
गाम में दस टा मुँहगर कनगर
मुंह तकर हम भरबै
बाँकी सब ठाम झूठ बाजी क'
चोरी हमहि करबै
अगिला खेपी तेल आनब
तू तखनहि रहिह' सचेत
रस्ते में तू ठाढ़ रहिह' पाई टीन समेत
गाम पर अनिते देरी
भ' जाइया हेरा फेरी
मुखिया जी बदमाशी करैया
टीन झोरा ल' एतय अबैया
दस किलो चीनी आ तेल
ओकरो मंगनी देबय पड़ैया
मुदा दस किलो चीनी आ तेल पर
मुखहिया जी सकदम
टकरा बाद जे मोन करैया
करै छी अपने मन
टकरा बाद किरानी सबके
झूठ बाजी छी हमहि ठकने
लोक सब हमर किरदानी के
महीना में दस टा दैत अछि दरखास
जा गांधी (पांच सौ ) द' आफिसर के
तुरंत करा दैत छी बरखास
घुसक छैक एखन जमाना
तेन ने हम छी बनल दिबाना
चारि साल धरि कहुना कहुना
ई कोटा चलि जाएत
पाँचम साल बुझह
सीमेंट जोड़ी दू तल्ला पिटायत
बेसी तोरा की कहिय'
एहि में घर बैसल बड्ड नफ्फा
मुदा आशीर्वाद में कखनो
घर घरायण सब सफ्फा 



(१९९२ के डायरी सँ )
Sanjay Jha -
नागदह , मधुबनी ,
मिथिला ------

बुधवार, 4 फ़रवरी 2015

मिथिला गीत


मधुबनी स भागलपुर तक मिथला के पहीचान छै |
देवघर स सितामढी तक विद्यापति के गान छै ||


मैथली भाषा सबहक भाषा मैथिल हमर महान छै |
राजा शलहेस मांडन आ अयाची भद्री स सम्मान छै ||


मिथला मे सब नीके नीक हम्मर भाषा सब स मीठ |
सीता हमरे घर के बेटी गाबी विद्यापति के गीत ||


हमरे मिथला के छला विदेह अहिल्या बनली जत सदेह |
परुशराम गोतम के शान अश्टाबक्र के अजबे देह ||


कालीदास के डीह पुरान मैथिल हम्मर सब स ठिक |
मिथला मे सब नीके नीक हम्मर भाषा सब स मीठ ||

खान पान के अलगे रुप तीलकोर के देखते लागत भुख |
घर - घर  भेटत  पान मखान रंग  बीरंगक  सागक  रुप ||


दरभंगा स मधेपुरा तक सबठन भेटत ऐक्के रंग रित | 
नेता - मुखिया  सब दिन  गाबैथी  मिथिले  के  ई गीत ॥ 

अखनो हम सब सब स आगा मैथिल नही अछी कतहु अभागा | 
जतय गेल लहरेलक झंडा बर मजगुत छै प्रेमक धागा | | 


आनन्द कोना फेर गाम स भागल कोना की भेलय कहु ने मित । 
निक बजय  सव के संगे होईत अच्छी  जे बुझी से भेल निक  ॥